असत्यापित और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले समाचार न प्रकाशित करें मीडिया संगठन: पीसीआई

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने प्रिंट मीडिया संगठनों को एक एडवाइज़री जारी कर कहा है कि यह सुनिश्चित करना ‘अख़बार का कर्तव्य’ है कि किसी लेख का लहजा, भावना और भाषा ‘आपत्तिजनक, उत्तेजक, देश की एकता-अखंडता, संविधान की भावना के ख़िलाफ़, प्रकृति में देशद्रोही न हो या इसे सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए न बनाया गया हो’.

केंद्र ने भाजपा नेता किरीट सोमैया सेक्स टेप स्टोरी चलाने वाले चैनल का लाइसेंस निलंबित किया

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 30 दिन के लिए मराठी समाचार चैनल ‘लोकशाही’ का लाइसेंस इस आधार पर निलंबित कर दिया है कि चैनल के संचालक वे लोग नहीं हैं, जिनके नाम पर लाइसेंस जारी किया गया था. पिछले साल भाजपा नेता किरीट सोमैया के कथित सेक्स टेप पर रिपोर्ट के लिए इस चैनल को 72 घंटे का निलं​बन नोटिस मंत्रालय से मिला था.

अभिनेता विशाल द्वारा फिल्म प्रमाणन के लिए सेंसर बोर्ड को रिश्वत देने के आरोपों की जांच के आदेश

तमिल अभिनेता विशाल ने आरोप लगाया है कि उनकी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी संस्करण को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित कराने के लिए उन्हें दो एजेंटों को 6.5 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर ध्यान देने की अपील की है.

मीडिया वन पर बैन रद्द, कोर्ट ने कहा- हक़ से वंचित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को इस्तेमाल किया

गृह मंत्रालय ने 2021 में मलयालम न्यूज़ चैनल ‘मीडिया वन’ को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार के बाद जनवरी 2022 में इसके प्रसारण पर रोक लगाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के निर्णय को रद्द करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को अधिकारों से वंचित करने की आलोचना की है.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के प्रबंध निदेशक को कार्यमुक्त किया

राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम ने नवंबर 2022 में गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आयोजन किया था. इस आयोजन के समापन समारोह में इज़रायली फिल्म निर्माता और जूरी सदस्य नदाव लपिद ने मंच पर खुले तौर पर विवादास्पद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के चयन की आलोचना की थी.

ड्रग्स, बंदूक आदि का महिमामंडन करने वाले गाने न चलाएं एफएम रेडियो चैनल: केंद्र

सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि कुछ एफएम चैनल शराब, मादक पदार्थों, हथियारों, गैंगस्टर और बंदूक संस्कृति का महिमामंडन करने वाले गाने या सामग्री प्रसारित कर रहे हैं. इसी के चलते यह परामर्श जारी किया गया है. किसी भी उल्लंघन को लेकर निर्धारित नियमों-शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

सरकार द्वारा मीडिया वन पर प्रतिबंध के कारण न बताने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए

दिसंबर 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को 'राष्ट्रीय सुरक्षा' का हवाला देते हुए सुरक्षा मंज़ूरी देने से मना कर दिया था और जनवरी में इसके प्रसारण पर रोक लगाने को कहा था. शीर्ष अदालत ने सरकार से बिना विशेष कारण बताए प्रतिबंध लगाने को लेकर सवाल-जवाब किए हैं.

टीवी की ज़हरीली बहसें महज़ लक्षण हैं, राजनीति और समाज को खा रही बीमारी तो कहीं और है

बीते दिनों केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कई प्राइम टाइम टीवी एंकरों और बड़े चैनलों के संपादकों को यह चर्चा करने के लिए बुलाया कि क्या समाचार चैनलों पर सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाली बहसों को कम किया जा सकता है. मंत्री जी स्पष्ट तौर पर ग़लत जगह इलाज का नुस्ख़ा आज़मा रहे हैं, जबकि असल रोग उनकी नाक के नीचे ही है.

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर प्रतिबंध के केंद्र के आदेश पर रोक लगाई

29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाचार चैनल अपना काम जारी रखेगा, जैसा कि वह प्रसारण पर रोक से पहले कर रहा था. 

केरल हाईकोर्ट ने ‘मीडिया वन’ चैनल के प्रसारण पर रोक के ख़िलाफ़ दायर याचिका ख़ारिज की

29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. 8 फरवरी को केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्णय को बरक़रार रखा था, जिसके ख़िलाफ़ चैनल ने अपील दायर की थी.

सांसद, वकील, संपादक बोले- ‘मीडिया वन’ का लाइसेंस रद्द करना प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी

29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया और बीते 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. समाचार चैनल के समर्थन में आए विभिन्न सांसदों, वकीलों, संपादकों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर निराशा जताई और कहा कि उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा करने से इनकार कर दिया.

भारत विरोधी फ़र्ज़ी ख़बरों को लेकर 60 से अधिक सोशल मीडिया एकाउंट पर रोक लगाई गई: केंद्र

सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने राज्यसभा में बताया कि फ़र्ज़ी खबरें फैलाने वालों और राष्ट्र विरोधी सामग्री के प्रकाशन पर कार्रवाई करते हुए यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित 60 से अधिक एकांउट पर रोक लगा दी गई है. टेक फॉग ऐप के बारे में पूछे जाने पर मुरुगन ने कहा कि सरकार ने तथ्यों की जांच करने के लिए एक इकाई स्थापित की है.

मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर केंद्र की रोक को केरल हाईकोर्ट ने बरक़रार रखा

केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ का लाइसेंस रद्द करने की वजह से बीते 31 जनवरी को इसका प्रसारण बंद हो गया था. इसके ख़िलाफ़ चैनल के प्रबंधन ने हाईकोर्ट का रुख़ किया था. चैनल माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के स्वामित्व में है और इसके कई निवेशक कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी की केरल इकाई के सदस्य हैं.

केरल हाईकोर्ट ने मलयालम न्यूज़ चैनल पर प्रतिबंध के केंद्र के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर समाचार चैनल ‘मीडियावन टीवी’ का लाइसेंस रद्द कर प्रसारण बंद कर दिया था. चैनल ने केंद्र सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग के साथ केरल हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की थी.

सत्ताधारियों को कॉमेडी और व्यंग्य से इतनी परेशानी क्यों है

किंग लियर यूं तो किसी की आलोचना को बर्दाश्त नहीं करता था, मगर उसने एक दरबारी विदूषक को कुछ भी कहने की इजाज़त दे रखी थी. आज के भारत में ऐसा होने की भी गुंजाइश नहीं है. हमारे लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए, मगर उतने ही तानाशाह नेता अपने आसपास सच बोलने वाले किसी मसखरे की अपेक्षा चाटुकारों और चारणों को पसंद करते हैं.

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