हत्या की कोशिश मामले में गोरक्षक मोनू मानेसर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

यह मामला हरियाणा के पटौदी स्थित बाबा शाह मोहल्ला में 6 फरवरी को दो समूहों के बीच हुई झड़प से संबंधित है, जिसमें गोरक्षक मोनू मानेसर ने कथित तौर पर अपने लाइसेंसी हथियारों से गोलियां चलाई थी, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति घायल हो गए थे. मानेसर राजस्थान के चचेरे भाइयों जुनैद और नासिर की हत्या में भी आरोपी हैं.

झारखंड: आदिवासी संगठनों ने फादर स्टेन स्वामी के लिए न्याय और यूएपीए रद्द करने की मांग की

झारखंड के आदिवासी और मानवाधिकार संगठनों ने फादर स्टेन स्वामी की दूसरी पुण्यतिथि पर उनकी ‘हत्या’ के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने, राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई और यूएपीए को निरस्त करने की मांग की. एल्गार परिषद मामले में आरोपी कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का 5 जुलाई 2021 को मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए एक अस्पताल में निधन हो गया था.

झारखंड: अदालत ने तबरेज़ अंसारी लिचिंग मामले में 10 दोषियों को दस साल की सज़ा सुनाई

झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले के एक गांव में 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज़ अंसारी नाम के युवक को भीड़ ने एक खंभे से बांधकर बेरहमी से कई घंटों तक पीटा था, जिसके कुछ दिनों हिरासत के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

फादर स्टेन स्वामी: प्रतिरोध की राह कभी भी आसान नहीं रही है

एल्गार परिषद मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी का मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए 5 जुलाई 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहे हैं इसी मामले में आरोपी बनाए गए कार्यकर्ता महेश राउत.

बंगाल: दस दिनों में 4 विचाराधीन क़ैदियों की मौत, परिजनों ने जेल में प्रताड़ना का आरोप लगाया

ये सभी विचाराधीन क़ैदी दक्षिण 24 परगना ज़िले के बरुईपुर केंद्रीय सुधार गृह में न्यायिक हिरासत में थे. परिवारों द्वारा जेल प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने के बाद ज़िला कलेक्टर ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 5 लाख रुपये का मुआवज़ा देते हुए सीआईडी जांच कराने की बात कही है.

मध्य प्रदेश: चोरी के संदेह में दलित युवक को बेरहमी से पीटा, कपड़े उतरवाए

आरोप है कि 3 अगस्त को खरगोन ज़िले के बलकवाड़ा थानाक्षेत्र के निमरानी में एक फैक्ट्री परिसर में 24 साल के एक दलित शख़्स को पीटा गया. परिजनों का कहना है कि धर्म जानने के लिए पीड़ित के कपड़े भी उतरवाए गए. मामले में चार लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है और एक पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया है.

किसी मुस्लिम का जवाबदेही मांगना और बतौर पत्रकार काम करना जुर्म नहीं है: मोहम्मद ज़ुबैर

साक्षात्कार: चार साल पुराने एक ट्वीट के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने क़रीब तीन हफ्ते जेल में बिताए. इस बीच यूपी पुलिस द्वारा उन पर कई मामले दर्ज किए गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि उनकी लगातार हिरासत का कोई औचित्य नहीं है. उनसे बातचीत.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में दर्ज सभी मामलों में ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत दी

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें लगातार हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. अदालत ने उन्हें बुधवार को ही रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही उनके ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामले दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिए और यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भी समाप्त करने का निर्देश दिया.

‘मोहम्मद ज़ुबैर को सच बोलने का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है’

वीडियो: साल 2018 में किए गए एक ट्वीट को लेकर ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर बीते 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में एक साथ छह मुक़दमों का सामना कर रहे हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

2018 ट्वीट मामले में मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- राजनीतिक दल आलोचना से परे नहीं

दिल्ली पुलिस द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ दर्ज चार साल पुराने ट्वीट संबंधी मामले में ज़मानत देते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए असहमति की आवाज़ ज़रूरी है. किसी भी राजनीतिक दल की आलोचना के लिए आईपीसी की धारा 153ए और 295ए लागू करना उचित नहीं है.

मोहम्मद ज़ुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश में दर्ज छह एफ़आईआर रद्द करने की अपील की

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में दो और सीतापुर, लखीमपुर खीरी, ग़ाज़ियाबाद और मुज़फ़्फ़रनगर ज़िलों में एक-एक केस दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते 12 जुलाई को इन मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है.

सीतापुर मामले में मोहम्मद ज़ुबैर की अंतरिम ज़मानत अवधि अगले आदेश तक बढ़ाई गई

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने कथित तौर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक ​जून को उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. 

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक ज़ुबैर को लखीमपुर कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से पांच दिन की अंतरिम ज़मानत मिलने के तुरंत बाद लखीमपुर खीरी पुलिस ने एक अन्य मामले में उसी दिन एक वॉरंट तामील कराया था. बीते साल के एक ट्वीट में ज़ुबैर ने सुदर्शन टीवी के ट्विटर हैंडल से साझा की गई मदीना मस्जिद की छेड़छाड़ की गई तस्वीर पर सवाल उठाया था. इसे लेकर लखीमपुर के सुदर्शन टीवी

यूपी पुलिस ने मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ दर्ज एक और एफआईआर के सिलसिले में वॉरंट जारी किया

यह नया वॉरंट लखीमपुर पुलिस ने सुदर्शन न्यूज़ के एक रिपोर्टर की शिकायत पर मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ साल 2021 में दर्ज एक एफआईआर के सिलसिले में जारी किया है. लखीमपुर पुलिस का यह वॉरंट शुक्रवार को सीतापुर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में ज़ुबैर को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद सामने आया है.

यूपी में दर्ज मामले में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को पांच दिन की अंतरिम ज़मानत

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने कथित तौर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक ​जून को उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. धार्मिक भावनाएं आहत करने के एक अन्य मामले में ज़ुबैर को बीते 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इस मामले के चलते वह फिलहाल हिरासत में ही

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