वर्ष 2017 में एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की समस्याओं, सुरक्षा, वेतन और काम करने की स्थितियों तथा अन्य मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी.
केरल हाईकोर्ट ने एक मंदिर पर भगवा झंडे लगाने की अनुमति मांगने वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि मंदिरों का इस्तेमाल राजनीतिक वर्चस्व के लिए नहीं किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के कार्य और इरादे स्पष्ट रूप से मंदिर में बनाए रखे जाने वाले शांत और पवित्र वातावरण के विपरीत हैं.
केरल हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं और मंदिर के आसपास के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि आरएसएस सदस्यों की कथित मास ड्रिल/हथियार ट्रेनिंग से मंदिर में आने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को कठिनाई हो रही है.
गृह मंत्रालय ने 2021 में मलयालम न्यूज़ चैनल ‘मीडिया वन’ को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार के बाद जनवरी 2022 में इसके प्रसारण पर रोक लगाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के निर्णय को रद्द करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को अधिकारों से वंचित करने की आलोचना की है.
दिसंबर 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को 'राष्ट्रीय सुरक्षा' का हवाला देते हुए सुरक्षा मंज़ूरी देने से मना कर दिया था और जनवरी में इसके प्रसारण पर रोक लगाने को कहा था. शीर्ष अदालत ने सरकार से बिना विशेष कारण बताए प्रतिबंध लगाने को लेकर सवाल-जवाब किए हैं.
केरल हाईकोर्ट ने एक श्रम अदालत में पीठासीन अधिकारी के तौर पर सत्र न्यायाधीश एस. कृष्ण कुमार के तबादले को रद्द करते हुए कहा कि यह उनके प्रति न केवल पूर्वाग्रह और दुर्भावना से भरा फैसला था, बल्कि इससे राज्य में न्यायिक अधिकारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता.
अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर एक अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक यौन शोषण करने और इसका वीडियो बनाने का आरोप है. इसके बाद दिलीप और अन्य पर इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने और हत्या की साज़िश रचने का केस भी दर्ज किया गया था.
केरल हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जिसने पिता के साथ कहीं जा रही एक किशोरी पर कथित तौर पर अनुचित टिप्पणी की थी और पिता के विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की थी. अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सब रुकना चाहिए.
केरल हाईकोर्ट का यह आदेश संबंधित आरोपी द्वारा दायर एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर आया है, जिसमें विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें यूएपीए के तहत मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी में देरी होने के आधार पर आरोपमुक्त करने की उसकी याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाचार चैनल अपना काम जारी रखेगा, जैसा कि वह प्रसारण पर रोक से पहले कर रहा था.
अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 17 फरवरी 2017 की रात एक फिल्म अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक कथित तौर पर यौन शोषण किया और इसका वीडियो बनाया.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. 8 फरवरी को केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्णय को बरक़रार रखा था, जिसके ख़िलाफ़ चैनल ने अपील दायर की थी.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया और बीते 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. समाचार चैनल के समर्थन में आए विभिन्न सांसदों, वकीलों, संपादकों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर निराशा जताई और कहा कि उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा करने से इनकार कर दिया.
केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ का लाइसेंस रद्द करने की वजह से बीते 31 जनवरी को इसका प्रसारण बंद हो गया था. इसके ख़िलाफ़ चैनल के प्रबंधन ने हाईकोर्ट का रुख़ किया था. चैनल माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के स्वामित्व में है और इसके कई निवेशक कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी की केरल इकाई के सदस्य हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर समाचार चैनल ‘मीडियावन टीवी’ का लाइसेंस रद्द कर प्रसारण बंद कर दिया था. चैनल ने केंद्र सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग के साथ केरल हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की थी.