बिहार के प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 20%, सुविधाओं का अभाव: रिपोर्ट

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के मार्गदर्शन में जन जागरण शक्ति संगठन द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि बिहार के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं है, शिक्षा की गुणवत्ता ख़राब है, इंफ्रास्ट्रक्चर निराशाजनक है और पाठ्यपुस्तकों व यूनिफॉर्म के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विफल साबित हुआ है.

झारखंड: पिछले बजट की घोषणाओं को साकार करने में कितने सफल हुए हैं हेमंत सोरेन

केंद्र सरकार के बजट में सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा को न केवल दरकिनार किया गया है बल्कि मनरेगा सरीखी कई ज़रूरी योजनाओं के आवंटन में भारी कटौती की गई है. ऐसे में झारखंड जैसा राज्य जो कुपोषण, ग़रीबी व ग्रामीण बेरोज़गारी से जूझ रहा है, वहां आने वाले राज्य बजट के पहले पिछले बजटों में की गई घोषणाओं के आकलन की ज़रूरत है.

एक चौथाई स्कूलों में बच्चों के लिए पीने के पानी की सुविधा नहीं: एन्युअल एजुकेशन रिपोर्ट

स्कूलों के हालात को लेकर जारी एन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि देश में 2.9 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं थी, वहीं 21 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की सुविधा तो थी, लेकिन वे प्रयोग करने योग्य नहीं थे. यानी क़रीब 23.9 फीसदी स्कूलों में विद्यार्थी शौचालय की सुविधा से महरूम हैं.

हंगर इंडेक्स: बिना बजट, नीति के कुपोषण और भूख से कैसे लड़ेगा देश

कोविड-19 लॉकडाउन में देश में भुखमरी की स्थिति देखने के बाद इसे नकारना अमानवीय है. वैश्विक भुखमरी सूचकांक ने भारत की दुर्दशा बताई, तो केंद्र सरकार ने रिपोर्ट को ही ख़ारिज कर दिया. सवाल उठता है कि मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों में भुखमरी और कुपोषण कम करने के लिए क्या किया है.

राज्य और केंद्रशासित प्रदेश 30 नवंबर तक मिड-डे मील योजना का सोशल ऑडिट पूरा करें: केंद्र

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिड-डे मील योजना का सोशल ऑडिट किया जाना अनिवार्य है, लेकिन देश भर के स्थानीय प्राधिकरण इस कार्य को पूरा करने में निर्धारित समयसीमा से पीछे चल रहे हैं.

राजस्थान: दलित लड़कियों का परोसा गया मिड-डे मील फेंकने को कहा, स्‍कूल का रसोइया गिरफ़्तार

राजस्थान के उदयपुर ज़िले के एक सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय का मामला. पुलिस ने बताया कि रसोइया अपनी पसंद के उच्‍च जाति के छात्रों को मिड-डे मील परोसने को कहता था, लेकिन खाना ढंग से नहीं परोसे जाने की श‍िकायत के बाद एक शिक्षक ने दलित लड़कियों को खाना परोसने को कहा था.

गुजरात: छात्रों ने दलित महिला द्वारा तैयार मिड-डे मील खाने से इनकार किया

गुजरात के मोरबी ज़िले के श्री सोखड़ा प्राइमरी स्कूल का मामला. स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि इस मुद्दे पर स्कूल के अधिकारियों की छात्रों के माता-पिता के साथ दो बैठकें हुई थीं. हालांकि माता-पिता ने अपना रुख बदलने से इनकार कर दिया.

लक्षद्वीप: मिड-डे मील में छात्रों को पहले की तरह मांस उत्पाद परोसने का आदेश

स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के मेन्यू से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करके स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने के लिए कहा है.

उत्तर प्रदेश: मिड-डे मील में बच्चों को ‘नमक-रोटी’ दिए जाने की ख़बर करने वाले पत्रकार का निधन

उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर ज़िले के रहने वाले पत्रकार पवन जायसवाल मुंह के कैंसर से पीड़ित थे. अगस्त 2019 में ज़िले के एक ​सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में बच्चों को ‘नमक-रोटी’ परोसे जाने का मामला उजागर करने के बाद वह चर्चा में आए थे. हालांकि इस ख़बर को सामने लाने के बाद ज़िला प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ ही एफ़आईआर दर्ज करा दी थी.

लक्षद्वीप प्रशासन को मिड-डे मील में मांस उत्पादों को शामिल करने का निर्देश

शीर्ष न्यायालय स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के मेन्यू से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि 23 जून 2021 को केरल हाईकोर्ट द्वारा पारित अंतरिम आदेश जारी रहेगा. शीर्ष अदालत ने भारत संघ और लक्षद्वीप प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को नोटिस भी जारी किया है.

स्कूलों में फिर से शुरू की जाए मिड-डे मील की व्यवस्था: सोनिया गांधी

लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है. यही नहीं, मिड-डे मील से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं.

बजट में आदिवासियों की अनदेखी, बजटीय आवंटन आबादी के अनुपात में नहीं: आदिवासी अधिकार मंच

आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच ने कहा कि आम बजट में जनजातीय समुदाय की अनदेखी करते हुए उसके लिए कुल बजट की 8.6 प्रतिशत राशि के बजाय केवल 2.26 प्रतिशत राशि आवंटित की गई है.

बजट में आरटीई क़ानून की अनदेखी, ग़ैर-बराबरी व निजीकरण को बढ़ावा देने वाला: संगठन

राइट टू एजुकेशन फोरम का कहना है कि बजट के आधे-अधूरे और अदूरदर्शी प्रावधान बताते हैं कि सरकार स्कूली शिक्षा को लेकर बिल्कुल संजीदा नहीं है. डिजिटल लर्निंग और ई-विद्या संबंधी प्रस्ताव निराशाजनक हैं, जिनसे वंचित वर्गों समेत अस्सी फीसदी बच्चों के स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर होने का ख़तरा मंडरा रहा है.

उत्तराखंड: एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज होने के बाद बर्ख़ास्त दलित रसोइया बहाल

चंपावत ज़िले के एक सरकारी स्कूल की दलित रसोइए द्वारा बनाए मध्याह्न भोजन को कथित उच्च जाति के छात्रों के खाने से इनकार के बाद उन्हें काम से हटा दिया गया था. मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्हें नियुक्ति में सही प्रक्रिया का पालन न होने के चलते हटाया गया था. अब उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया है.

उत्तराखंड: अनुसूचित जाति की रसोइए को हटाने के विरोध में दलित छात्रों का मिड-डे मील खाने से इनकार

चंपावत ज़िले के सुखीढांग के एक सरकारी स्कूल की दलित रसोइए द्वारा बनाए गए मध्याह्न भोजन को कथित उच्च जाति के छात्रों द्वारा खाने से इनकार के बाद महिला को काम से हटा दिया गया था. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने महिला को हटाने की वजह नियुक्ति में प्रक्रियागत चूक को बताया था.

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