चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 के तहत बॉन्ड डिजिटल और भौतिक, दो रूपों में बेचे जाते है. एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि मार्च 2018 से अब तक 22 में से 8 दौर में बेचे गए अधिकांश बॉन्ड भौतिक लेने-देन वाले थे. कई विधानसभा चुनावों से पहले भौतिक बॉन्ड का आंकड़ा डिजिटल से कहीं अधिक रहा.
भारतीय वायुसेना में एयरमैन ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह की भर्ती के लिए जुलाई 2021 में परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन परिणाम अब तक घोषित नहीं किया गया है. इस संबंध में एक उम्मीदवार को सूचना के अधिकार से जानकारी मिली है कि उक्त परीक्षा के लिए 6,34,249 आवेदन प्राप्त हुए थे और परिणाम जारी करने की प्रक्रिया संविदा आधारित ‘अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना’ के मद्देनज़र रोक दी गई है.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है कि 30 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2022 तक कोविड-19 महामारी के दौरान अपना सेवाएं देते हुए जान गंवाने वाले 428 डॉक्टरों के परिवारों को 214 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया गया है, जबकि आईएमए के मुताबिक महामारी की पहली दो लहरों में जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या 1,596 थी.
शीर्ष अदालत एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को चंदा मिलने के प्रावधान वाले क़ानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
आरटीआई आवेदन से मिले आधिकारिक आकड़ों के मुताबिक, देश में अभी कुल 320 नेत्र बैंक हैं. त्रिपुरा, उत्तराखंड तथा मिजोरम जैसे राज्यों में महज एक नेत्र बैंक है. महाराष्ट्र में सबसे अधिक 77 नेत्र बैंक हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 41, कर्नाटक में 32 और गुजरात में 25 नेत्र बैंक हैं.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले में 122 किसानों और कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की. राज्य सरकार और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान इस ज़िले में ऐसी एक भी मौत नहीं हुई.
गोवा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन निदेशालय से एडवोकेट एरेस रोड्रिग्स द्वारा प्राप्त आधिकारिक दस्तावेज़, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल उस हलफ़नामे पर सवालिया निशान खड़ा करते हैं, जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि विवादित ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ का उनके परिवार का कोई भी संबंध नहीं है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीते चार जून को मीडिया में आईं ख़बरों का ज़िक्र करते हुए आरोप लगाया था कि लॉकडाउन के दौरान असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट ख़रीदी और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी व बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को 990 रुपये के हिसाब से तत्काल इन किट की आपूर्ति करने के आदेश दिए थे.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले का मामला. आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन इसे दर्ज नहीं किया गया था. अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर द्वारा स्थापित महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद में शिकायत दर्ज हो सकी थी.
पिछले 18 महीनों में गुजरात सूचना आयोग ने दस लोगों को जीवनभर आरटीआई आवेदन दायर करने से बैन करते हुए कहा कि वे 'सरकारी अधिकारियों को परेशान करने के लिए आरटीआई अधिनियम का इस्तेमाल' करते हैं. आयोग ने एक शख़्स पर आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर पांच हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
सूचना का अधिकार क़ानून से पता चला है कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में 2018-19 में 5,213 टन, 2019-20 में 1,930 टन और 2020-21 में 1,850 टन अनाज प्राकृतिक आपदाओं और रखरखाव के कारणों से नष्ट हुआ था.
पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना से टकराव के बाद भारत ने अप्रैल 2020 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नीति में परिवर्तन किए थे और भारत के साथ ज़मीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजू़री को अनिवार्य कर दिया था. अब सूचना के अधिकार से सामने आया है कि बीते दो सालों में सरकार ने क़रीब 80 चीनी एफडीआई प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि 18 जुलाई 2022 तक सीआईसी के पास 26,518 अपील और शिकायत लंबित हैं.
बीते जून महीने में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा ने भी दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. सिसोदिया ने साल 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में पीपीई ख़रीद के लिए हिमंता की पत्नी की कंपनी को बाज़ार मूल्य से अधिक दामों पर ठेका देने का आरोप लगाया था. हिमंता उस वक़्त राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान 2020-21 में क़रीब 2.5 करोड़ रुपये पूर्व और मौजूदा सांसदों की इस तरह की यात्राओं पर ख़र्च हुए हैं. इस दौरान रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों समेत विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली कई छूट पर रोक लगा दी थी, जिससे कुछ तबकों में नाराज़गी है. वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सब्सिडी ख़त्म करने के क़दम की भी आलोचना हुई है.