सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय को वैध माना, कहा- अनुच्छेद अस्थायी प्रावधान था

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने वाला संवैधानिक आदेश पूरी तरह से वैध है. साथ ही इसने 30 सितंबर, 2024 से पहले सूबे में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है.

मैरिटल रेप: हाईकोर्ट ने कहा- पुरुष पर आरोप नहीं लगाया जा सकता, जहां पत्नी की उम्र 18 वर्ष या अधिक हो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पति को अपनी पत्नी के साथ कथित तौर पर ‘अप्राकृतिक यौन संबंध’ बनाने के आरोप में आईपीसी की धारा 377 के तहत बरी करते हुए यह टिप्पणी की. हालांकि अदालत ने आरोपी के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 498ए (दहेज के लिए उत्पीड़न) और 323 के तहत आरोपों में उसकी दोषसिद्धि और सज़ा की पुष्टि की है.

हाईकोर्ट की किशोर लड़कियों पर टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतराज़ जताया, कहा- उपदेश न दें जज

बीते अक्टूबर में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि हर किशोर लड़की को 'यौन इच्छाओं पर काबू रखना चाहिए' और 'अपनी देह की शुचिता की रक्षा करनी चाहिए.' सुप्रीम कोर्ट ने इसका स्वतः संज्ञान लिया था और इस पर आंशिक रोक लगाते हुए कहा कि किशोरों के बर्ताव पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पूर्णतः अनुचित थी.

मराठा आरक्षण: बढ़ते सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए आयोग के दो सदस्यों का इस्तीफ़ा

मराठा समुदाय के आर्थिक, सामाजिक पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए गठित आयोग के नौ सदस्यों में से एक ने कहा कि सरकार आयोग से पूर्व-निर्धारित धारणा पर एक रिपोर्ट चाहती है कि मराठा पिछड़े हैं. यह एक स्वतंत्र आयोग है, जो डेटा और विश्लेषण के बाद ही निष्कर्ष देगा. सरकार किसी विशेष समुदाय को पिछड़े वर्ग में शामिल करने के लिए आयोग से डेटा देने के लिए कैसे कह सकती है?

विधानसभा चुनावों के दौरान 6 से 20 नवंबर के बीच 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के चुनावी बॉन्ड बिके

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड योजना के तहत नवीनतम बिक्री (29वीं किश्त) में सर्वाधिक बिक्री तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद (359 करोड़ रुपये) में हुई, इसके बाद मुंबई (259.30 करोड़ रुपये) और दिल्ली (182.75 करोड़ रुपये) रहे.

अब अयोध्या बाबरी ध्वंस के दौर से निकलकर घरों, दुकानों के ध्वस्तीकरण के दौर में आ पहुंची है

आज अयोध्या की ‘बड़ी-बड़ी’ बातों ने कई ‘छोटी’ बातों को इतनी छोटी कर डाला है कि वे न पत्रकारों को नज़र आती हैं, न सरकारी अमले को. ऐसे में उन आम अयोध्यावासियों की तकलीफें अनदेखी की शिकार हैं, जो ‘ऊंची उड़ानों’ पर नहीं जाना चाहते या जिन्हें उन उड़ानों के इंतज़ामकार अपने साथ नहीं ले जाना चाहते. 

अडानी समूह के ख़िलाफ़ रिपोर्ट को लेकर पत्रकारों को गिरफ़्तारी से दी गई सुरक्षा कोर्ट ने बढ़ाई

इन चार पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने अडानी समूह की आलोचना करने वाली उनकी रिपोर्ट को लेकर तलब किया था. अडानी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर दो पत्रकारों द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी, जबकि दो अन्य पत्रकारों की रिपोर्ट को फाइनेंशियल टाइम्स ने प्रकाशित किया था.

हेट स्पीच के लिए प्रशासनिक तंत्र बनाने पर विचार, व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते: अदालत

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि नफ़रत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) को अदालत ने परिभाषित किया है. अब सवाल कार्यान्वयन और समझने का है कि इसे कैसे लागू किया जाए. हम व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते. अगर हम व्यक्तिगत मामलों से निपटना शुरू कर देंगे तो इससे मामलों की बाढ़ आ जाएगी.

मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लावारिस शवों का सम्मान से अंतिम संस्कार सुनिश्चित करे सरकार

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि शवों को अनिश्चितकाल तक मुर्दाघर में नहीं रखा जा सकता. अदालत में दी गई दलीलों के अनुसार, 88 पहचाने गए शव मुर्दाघर में हैं, जिन पर उनके परिजनों ने दावा नहीं किया है. छह शवों की कथित तौर पर पहचान नहीं हुई है.

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