यूपी: ‘नीलगाय अउर गोरू बड़ा तबाह कइले बा, सब खेत बारी चर जात हैं’

महराजगंज ज़िले के वनग्रामों में किसान आवारा पशुओं द्वारा उनके खेतों को नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या से जूझ रहे हैं. अब फसल बचाने के लिए उन्होंने स्टन मशीन यानी हल्का झटका देने वाली मशीन इस्तेमाल करना शुरू किया है, हालांकि इसके महंगे होने और एक जगह खेत न होने के चलते यह बहुत लाभकारी नहीं है.

यूपी: भाजपा को वोट दे चुके कोरांव के इस यादव-बहुल गांव को अब सपा से उम्मीद है

ग्राउंड रिपोर्ट: इलाहाबाद की कोरांव विधानसभा में आने वाले सलैया कलां गांव में मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड का थर्मल प्लांट बनाने के लिए विस्थापित किए गए लोगों को बसाया गया था. बिजली, पानी और साफ़-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे इस गांव के रहवासियों का कहना है कि भाजपा ने उन्हें निराश किया है और अब वे सपा से उनकी समस्याएं दूर करने की आशा कर रहे हैं.

पूर्वांचल में गन्ने की खेती पर गहराते संकट को लेकर चुप क्यों हैं मोदी और योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गोरखपुर से लेकर कुशीनगर, देवरिया, बस्ती का इलाका गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है. गोरखपुर और बस्ती मंडल के कुल सात ज़िलों में कभी 28 चीनी मिलें हुआ करती थीं, लेकिन आज 16 मिलें बंद हैं. लोगों को उम्मीद थी कि डबल इंजन की सरकार पूर्वांचल की बंद चीनी मिलों को शुरू कर इलाके में खुशहाली लाएगी, लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है.

अयोध्या: राम मंदिर वाले नए शहर में अपने भविष्य को लेकर भयभीत पुराने दुकानदार

ग्राउंड रिपोर्ट: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में अपेक्षित भीड़ से निपटने के लिए सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं पर काम चल रहा है. मंदिर के आसपास के क्षेत्र में सालों से छोटी दुकानों पर पूजा सामग्री आदि बेचने वाले दुकानदारों को डर है कि कहीं सरकारी बुलडोजर उनकी आजीविका को भी न कुचल दे.

यूपी: अस्तित्व बचाने के लिए संघर्षरत टैनरियों की स्थिति का ज़िम्मेदार आदित्यनाथ का (कु)शासन है

ग्राउंड रिपोर्ट: हिंदुत्ववादी पोंगापंथी, दूरदर्शिताविहीन शासन और योगी सरकार की टैनरी कामगारों के प्रति बेरुख़ी ने कानपुर के चमड़ा उद्योग को अब तक के सबसे बड़े संकट में धकेल दिया है.

उत्तर प्रदेश: भाजपा के साथ उतरी निषाद पार्टी कितनी कामयाब होगी

बीते कुछ चुनावों में अपनी जीत से सबको चौंका चुकी निषाद पार्टी को भाजपा ने पिछले चुनाव में हारी हुई नौ सीटों को जिताने की ज़िम्मेदारी दी है. गठबंधन में निषाद पार्टी को मिली 16 सीटों में से छह पर प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिह्न पर जबकि 10 प्रत्याशी निषाद पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहे हैं.

विधानसभा चुनाव: … आज अचानक हम पे जो हैं मेहरबान, इनसे पूछो ये आज तक थे कहां

चुनावी बातें: चुनावों का मौसम आते ही बुज़ुर्ग कई ऐसे पुराने क़िस्से सुनाते हैं, जो लोकतंत्र के इस त्योहार पर पैने कटाक्ष से लगते हैं. बताते हैं कि एक बार भारतेंदु हरिश्चंद्र जब बस्ती पहुंचे, तो बोले- बस्ती को बस्ती कहूं तो काको कहूं उजाड़! हर्रैया क़स्बे में बालूशाही खाई तो पूछने से नहीं चूके कि उसमें कितना बालू है, वो कितनी शाही है.

यूपी: चित्रकूट के रसिन गांव के चित्र और रंग अनेक, चुनाव में अपनी जगह ढूंढती अलग-अलग आवाज़ें

ग्राउंड रिपोर्ट: बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले के कर्वी ब्लॉक का रसिन राज्य के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय का गांव है. यहां ग्रामीण विस्थापन, बेरोज़गारी, आवारा पशु जैसी कई समस्याएं बताते हैं, हालांकि मतदान को लेकर उनकी राय मुद्दों की बजाय स्पष्ट तौर पर जातिगत समीकरणों पर आधारित है.

अमेरिकी संस्थान ने की ‘मुठभेड़ों’ में हुईं हत्याओं को लेकर योगी आदित्यनाथ पर कार्रवाई की मांग

अमेरिका के वकीलों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ग्वेर्निका 37 ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग को सौंपे निवेदन में मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह व कानपुर एसपी संजीव त्यागी के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों का हनन करने के चलते वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाएं.

यूपी: पूर्वांचल के गन्ना बेल्ट में विस्थापित गन्ना शोध केंद्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है

ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वी यूपी के गन्ना किसानों को उन्नत क़िस्म की प्रजाति मुहैया कराने, सूखा, जलभराव व ऊसर क्षेत्रों में उपयोगी प्रजातियों को विकसित करने जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए 1939 में गोरखपुर के कूड़ाघाट में गन्ना शोध केंद्र की स्थापना की गई. 2017 में केंद्र की ज़मीन एम्स बनाने के लिए देते हुए इसे पिपराइच स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन आज तक वहां शोध केंद्र की एक ईंट भी नहीं रखी गई है.

यूपी: देवरिया में आईटीआई की अधबनी इमारत कई युवाओं के टूटे सपनों की नींव पर खड़ी है

ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में देवरिया ज़िले में भाटपाररानी विधानसभा क्षेत्र के भवानी छापर गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आईटीआई का शिलान्यास किया था. ग्रामीण युवाओं को आस थी कि वे तकनीकी हुनर सीखकर आजीविका कमा सकेंगे. सात साल बीतने के बावजूद यह आईटीआई अब तक शुरू नहीं हो सका और रोजी-रोटी की तलाश में स्थानीय युवा अन्य राज्यों में मज़दूरी करने के लिए पलायन को मजबूर हैं.

कासगंज हिरासत में मौत: कोर्ट ने पीड़ित का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया

उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.

चुनाव प्रचार में भाषा का गिरता स्तर लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण का संकेत है

आजकल जिस भाषा में सत्ताधारी नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं, वो दिखाता है कि हम लोकतंत्रिक प्रणाली के लायक विकसित ही नहीं हुए हैं. क्योंकि दुनिया का कोई भी सभ्य व लोकतांत्रिक राष्ट्र ऐसी भाषा को स्वीकार नहीं कर सकता है, जो समाज में नफ़रत और हिंसा के उत्प्रेरक के तौर पर काम करे.

उत्तर प्रदेश: पांच साल के दौरान पत्रकारों पर कम से कम 138 हमले, 12 की हत्या

कमेटी अगेंस्ट असॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट्स की एक रिपोर्ट बताती है कि 2017 में यूपी में योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने से लेकर अब तक राज्‍य में 48 पत्रकारों पर शारीरिक हमले हुए, 66 के ख़िलाफ़ केस दर्ज या उनकी गिरफ़्तारी हुई. इस दौरान 78 फीसदी मामले वर्ष 2020 और 2021 में महामारी के दौरान दर्ज किए गए.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी कहां है

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार में जहां भाजपा, सपा-रालोद और कांग्रेस लगातार मैदान में दिखाई दे रहे हैं, वहीं बसपा सुर्ख़ियों से ग़ायब-सी है.

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