संभल मस्जिद की प्रबंध समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील जफर अली ने सवाल उठाया कि प्रदर्शनकारी एक-दूसरे को क्यों मारेंगे? अगर उन्हें गोली चलानी ही थी, तो वे पुलिस पर गोली चलाते, जनता पर नहीं. अली ने दावा किया कि उन्होंने ख़ुद पुलिस को भीड़ पर गोलियां चलाते हुए देखा था.
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नवंबर 2014 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में लगा एक नसबंदी शिविर त्रासदी में तब्दील हो गया था, जब ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत हुई और कई अन्य स्त्रियां अस्पतालों में भर्ती रहीं. उस वक्त ढेरों सरकारी वादे किए गए थे, लेकिन आज उनका नामोनिशान नहीं दिखता.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाकर ग़लती की थी.
गरीबी आम तौर पर एक ऐसी स्थिति है जिसके शिकार व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के पास जीने के लिए आवश्यक बुनियादी चीजें नहीं होतीं, जबकि रंक के साथ गरीबी से पैदा हुई 'कंगाली में आटा गीला' वाली गिरानी से भरी भीषण असहायता भी जुड़ी होती है.
कहा जा रहा है कि रुद्रप्रयाग ज़िले के गांवों में ग्राम सभा ने ऐसे बोर्ड लगाए हैं. हालांकि, ग्राम प्रधान के अनुसार इन्हें ग्रामीणों ने लगाया है. विश्व हिंदू परिषद ने इस मसले को अपना समर्थन देकर माहौल उग्र कर दिया है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन दलों के नाम बताए हैं जिनके साथ भाजपा सरकार नहीं बनाएगी, लेकिन उन्होंने निर्दलियों, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पर चुप्पी साध ली. इस बीच, अमित शाह ने कहा है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की सरकार बनती है तो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लौट आएगा.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले महीने संसद में दावा किया था कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या कम होती जा रही है क्योंकि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिये आकर बस रहे हैं. झारखंड जनाधिकार महासभा व लोकतंत्र बचाओ अभियान की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा द्वारा संसद और मीडिया में पेश किए जा रहे आंकड़े झूठे हैं.