दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे अधिक है, लेकिन इसकी वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से कम है. शिक्षा और स्वास्थ्य पर ख़र्च ज़्यादा है, पर स्वास्थ्य बीमा कवरेज कम. जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा शहरी है, ग्रामीण आबादी सिर्फ 2.5% है, जिसमें बेरोज़गारी राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
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ज़मीनी संस्थाओं की सफलता में वित्तीय प्रबंधन, नेतृत्व विकास, तकनीक और सरकारी नीतियों की समझ की कमी जैसी अनगिनत बाधाएं हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने नायब सिंह सैनी को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया है, बावजूद इसके पार्टी के अन्य नेता दावेदारी पेश करते देखे गए हैं. वहीं, कांग्रेस ने सीएम चेहरा तो घोषित नहीं किया है, लेकिन पार्टी के फ़ैसलों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की निर्णायक भूमिका काफ़ी कुछ कह देती है.
'जब भी कोई नया माध्यम आता है तो यही आशंका जताई जाती है कि पुराने माध्यम चलन से बाहर हो जाएंगे. लेकिन टीवी और कंप्यूटर जैसे जितने भी नए माध्यम आए, वे किताब के ही अलग-अलग रूप बने, न कि प्रतिद्वंद्वी. प्रिंट हमेशा अपनी जगह रहेगा. साहित्य की जगह हमेशा बनी रहेगी.'
अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद कालकाजी से विधायक आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि यह एक 'भावनात्मक क्षण' है क्योंकि केजरीवाल अब मुख्यमंत्री नहीं हैं. ममता बनर्जी के बाद आतिशी वर्तमान में देश में केवल दूसरी महिला मुख्यमंत्री हैं.
अंतरराष्ट्रीयता का मेल हुए बिना राष्ट्रवाद एक संकरी ज़हनीयत का दूसरा नाम होगा जिसमें हम अपने दड़बों में बंद दूसरों को ईर्ष्या और प्रतियोगिता की भावना के साथ ही देखेंगे. कविता में जनतंत्र स्तंभ की 34वीं और अंतिम क़िस्त.
कला हो या जीवन दोनों ही बस अंततः सफल हो जाने वाले नायकों के गुणगान गाते हैं. मंज़ूर एहतेशाम की कहानी ‘तमाशा’ इसके विपरीत संघर्षों में बीत जाने वाले जीवन की कहानी है, बिना किसी परिणाम की प्राप्ति के.