दिल्ली दंगों की पांचवीं बरसी पर कारवां ए मोहब्बत द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए आयोग बनाया गया था लेकिन इसके मानक अज्ञात थे. रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत के इतिहास में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुआवज़े के भुगतान की संभवतः सबसे खराब स्थिति है.
दिल्ली चुनाव 2025
→द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→सभी ख़बरें
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,48,22,040 हो गई है. इसके अलावा बीते एक दिन में 268 लोगों की मौत के बाद इस महामारी के कारण जान गंवाने वालों का आंकड़ा 4,80,860 हो चुका है. विश्व में संक्रमण के 28.45 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 54.22 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान में हुई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्तियों में ओबीसी की आरक्षित सीटों के लिए ‘योग्य उम्मीदवार’ न मिलने पर विवाद हो गया है. साथ ही जेएनयू में भी वाइवा स्कैम की बात सामने आ रही है. इन मामलों पर द वायर के मुकुल सिंह चौहान ने दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर लक्ष्मण यादव से बात की.
वीडियो: मुज़फ़्फ़रनगर के जौला गांव के निवासी ग़ुलाम मोहम्मद जौला 80 के दशक में भारतीय किसान यूनियन की स्थापना के समय महेंद्र सिंह टिकैत के साथ थे. साल 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों ने जाटों और मुसलमानों के बीच एक गहरी खाई पैदा कर दी थी, जो अब सात साल बाद भी दिखाई दे रही है. यूपी चुनाव से पहले इन मसलों पर 85 वर्षीय ग़ुलाम मोहम्मद से द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध में दिसंबर 2019 में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने कई ज़िलों में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 22 मुस्लिमों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे. नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों की कई शिकायतों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अब इसकी जांच शुरू की है.
साल 2019 के लिए गवर्नेंस और पॉलिटिक्स श्रेणी में क्रमशः 'डिजिटल मीडिया' और 'ब्रॉडकास्ट मीडिया' वर्ग में द वायर हिंदी के रिपोर्टर धीरज मिश्रा और स्वतंत्र पत्रकार सीमी पाशा को प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया है. चार साल के सफर में द वायर हिंदी के रिपोर्टर को मिला यह दूसरा रामनाथ गोयनका अवॉर्ड है.
राष्ट्रपति ने सीबीआई और ईडी प्रमुखों का कार्यकाल विस्तार दो साल से बढ़ाकर पांच साल करने वाले अध्यादेशों को 14 नवंबर को मंज़ूरी दी थी. राष्ट्रपति सचिवालय ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी मुहैया कराने से इनकार कर दिया कि आख़िर ये अध्यादेश किस आधार पर लाए गए थे.
संपर्क करें

