वाणी प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने कहा, 'धर्मवीर भारती की रचनाओं ने हिंदी साहित्य की आत्मा को आकार दिया है. यह शताब्दी समारोह उनकी प्रतिभा का सम्मान करने और लेखकों और पाठकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करने का हमारा विनम्र प्रयास है.'