इक्कीसवीं सदी अल्पवयस्क अवस्था में ही शर्म से झेंपी सदी बन रही है. अब क्या करे कोई कवि? बेशर्म होकर झंडा फहराए संविधान की धज्जियां उड़ाने वालों का? या कसीदे लिखे बच्चों के हत्यारों के लिए? या युद्ध के सौदागरों के लिए विज्ञापन लिखे? 'रचनाकार का समय' में पढ़िए अनुज लुगुन को.
द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→भारत-कनाडा विवाद
→सभी ख़बरें
गुजरात के भरूच जिले के दाहेज स्थित फैक्ट्री में हुआ हादसा. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. हादसे से लगी आग के चलते तक़रीबन 57 लोग झुलस गए हैं. दो गांवों को खाली कराया गया.
पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से लोगों द्वारा आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं. कोरोना वायरस से जुड़े कारणों की वजह से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक पखवाड़े के दौरान छह से सात लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने की ख़बरें आई हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाए जाने पर आदिवासी कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
इन हस्तियों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक आपदा को टालने के लिए वक्त तेजी से बीत रहा है. 44 करोड़ अतिरिक्त लोग ग़रीबी में फंस सकते हैं तथा 26.5 करोड़ अतिरिक्त लोगों को कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है.
घटना पलक्कड़ के साइलेंट वैली जंगल के बाहरी इलाके की है. बताया जा रहा है कि गांव के कुछ शरारती तत्वों ने भूखी हथिनी को अनानास में पटाखे भरकर खिला दिए, जो उसके मुंह में ही फट गए, जिसके बाद 27 मई को उसकी मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है, लेकिन किसी की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है.
आईसीएमआर की विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता गुप्ता ने कहा है कि महामारी पर लगाम लगाने के लिए भारत के कद़म प्रभावी रहे हैं और इससे मृत्यु दर में कमी आने में मदद मिली है. हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं.