इक्कीसवीं सदी अल्पवयस्क अवस्था में ही शर्म से झेंपी सदी बन रही है. अब क्या करे कोई कवि? बेशर्म होकर झंडा फहराए संविधान की धज्जियां उड़ाने वालों का? या कसीदे लिखे बच्चों के हत्यारों के लिए? या युद्ध के सौदागरों के लिए विज्ञापन लिखे? 'रचनाकार का समय' में पढ़िए अनुज लुगुन को.
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कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि असम के डिटेंशन सेंटरों में ऐसे 'घोषित विदेशी' जो यहां दो साल का समय गुज़ार चुके हैं, उन्हें मौजूदा हालात के मद्देनज़र सशर्त रिहा किया जाए.
दक्षिण अफ्रीका में लॉकडाउन में ढील से पहले एक दिन में आए संक्रमण के सर्वाधिक मामले. द्वीपीय देश मालदीव में संक्रमण से मौत का पहला मामला सामने आया. सिंगापुर सरकार ने प्रवासी कामगारों के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने को लेकर चेतावनी दी.
तेलंगाना के संगारेड्डी ज़िले के कंडी स्थित आईआईटी हैदराबाद में वेतन न मिलने से नाराज़ हज़ारों प्रवासी मज़दूरों ने प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है.
केंद्रीय महिला एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि ‘चाइल्डलाइन 1098’ के माध्यम से ये बाल विवाह रोके गए.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार पर राज्य को आवश्यक मदद करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को बताना होगा कि आख़िर तबलीग़ी जमात के सैकड़ों लोग दुनिया भर से दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में कैसे पहुंचे?
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का आरोप दर्ज किया था. इमाम पर हिंसा भड़काने और द्वेष बढ़ाने वाला भाषण देने का आरोप लगाया गया था.