पुस्तक अंश: ‘असहमति की आवाज़ें’ में रोमिला थापर ने भारत में असहमति और विरोध के अहिंसक स्वरूपों की बात की है. वे लिखती हैं कि विरोध की अभिव्यक्ति अलग-अलग संस्कृतियों और समाजों में अलग-अलग स्वरूप लेती रही है.
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असम सरकार ने ऐलान किया है कि 58 लाख परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक अप्रैल से निशुल्क चावल उपलब्ध कराए जाएंगे.
हरियाणा के पानीपत में रह रहे कई प्रवासी मज़दूरों ने शिकायत की है कि या तो प्रशासन उन्हें भोजन मुहैया नहीं करा रहा है और अगर कहीं पर खाना पहुंच भी रहा है तो उसकी गुणवत्ता काफी ख़राब है.
लाॅकडाउन के कारण जगह-जगह फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए सरकार द्वारा बसें चलाने के बाद नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव आदि जगहों पर काम करने वाले नेपाली कामगार भी अपने देश के लिए रवाना हुए. ये सोनौली तक तो पहुंच गए लेकिन दोनों ओर की सीमाएं बंद होने के चलते 326 नेपाली नागरिक भारत की तरफ फंसे हैं.
पहाड़ों पर पानी उपलब्ध कराने वाले परंपरागत संसाधन उपेक्षित पड़े हैं. भारी भरकम बजट वाली बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से पानी उपलब्ध करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन जल संरक्षण से जुड़ी पारंपरिक जानकारी को सहेजने-समेटने में न तो सरकारी विभागों कि रुचि है और न ही नई पीढ़ी की.
सरकार ने केंद्रशासित जम्मू कश्मीर के लिए नए डोमिसाइल नियमों की घोषणा की है, जिसके अनुसार जिस व्यक्ति ने यहां पर पंद्रह साल बिताए हैं या सात साल पढ़ाई की है और 10वीं और 12वीं की परीक्षा, यहां के किसी स्थानीय संस्थान से दी है, वह यहां का निवासी होगा.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश दिए जाने की मांग की थी कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए सिस्टम से कोरोना वायरस पर तथ्यों की पुष्टि किए बिना कोई भी मीडिया प्रतिष्ठान किसी खबर का प्रकाशन अथवा प्रसारण न करे.