इलाहाबाद में महाकुंभ को लेकर उमड़ी भीड़ के बीच शहर तक पहुंचने के साथ ही शहर के अंदर के रास्ते भी जाम की चपेट में हैं. श्रद्धालु तो परेशान हैं ही, साथ ही स्थानीय लोगों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो चुका है.
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कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदुत्व के प्रतिपादक और उसके अनुयायी किसी हिंदू अध्यात्म या चिंतन परंपरा का कभी उल्लेख नहीं करते. असल में तो हिंदुत्व एक शुद्ध राजनीतिक विचारधारा है जो धर्म में घुसपैठ कर रही है.
जनतंत्र मात्र वोट से नहीं चलता. वह संस्थानों, शक्तियों के विभाजन और उनकी निगरानी और उन पर नियंत्रण से ही चल सकता है. लेकिन इतिहास हमें बतलाता है कि कई बार स्वायत्त संस्थान अपनी स्वायत्तता सरकार के हवाले कर देते हैं.
कविता में जनतंत्र स्तंभ की दसवीं क़िस्त.
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी चुनाव आयोग की विभिन्न गतिविधियों पर सवाल उठे हैं, जैसे कि चुनाव का लंबा कार्यक्रम और अनंतनाग में स्थगित चुनाव. इसके अलावा, आयोग ने प्रत्येक चरण में मतदान के बाद मतों की संख्या बताने और मीडिया से रूबरू होने की प्रथा भी छोड़ दी है.
प्रायः समीक्षकों ने कुंवर नारायण को ऐसा कवि सिद्ध करना चाहा है जिनकी कविताएं बौद्धिकता और अतिवैयक्तिकता के अलावा और कुछ नहीं हैं. शमशेर जैसे कवि को भी उनकी कविताओं में ‘रस’ की कमी लगी. पर यह एकांगी दृष्टि कवि की बहुआयामी रचनाशीलता को कमतर कर के देखने की कवायद है.
उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा क्षेत्र के निवासियों और समाजवादी पार्टी का कहना है कि मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया और उनके साथ बदसलूकी की गई. कई मतदाताओं के साथ पुलिस की मारपीट की वीडियो भी सामने आयी हैं.
उत्तराखंड के कई गांव सैनिकों के गांव कहे जाते हैं. राज्य की अर्थ और सामाजिक व्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा सेना से जुड़ा हुआ है. अग्निपथ योजना के आने के बाद यह व्यवस्था संकट में नज़र आ रही है.
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