अवध के नवाब आसफउद्दौला की छवियों में दो ध्रुवों का कहें या आकाश पाताल का अंतर है. लखनऊ में वे नायक हैं, जबकि फैजाबाद में खलनायक. लखनऊ ने जहां उनके वक्त में उनके प्रति खासे कृतज्ञ होकर उनकी प्रजावत्सलता, दरियादिली व दानवीरता का भरपूर बखान किया, वहीं फैजाबाद उन्हें माल व जर की हवस में अपनी हरदिलअजीज मां (बहू बेगम) का खजाना लूटने के लिए अंग्रेजों से मिलकर दल-बल से उन पर चढ़ाई कर देने व उनके दूध को लजाने वाला कपूत तक करार देता आया है.