यूएन की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और वरिष्ठ नेताओं पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद बने राजनीतिक शून्य ने अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा दिया, हालांकि इसके धार्मिक, जातीय और राजनीतिक कारण भी थे.
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भोपाल से प्रकाशित बच्चों की मासिक पत्रिका 'चकमक' हिंदी की अब तक की इकलौती 'बाल विज्ञान पत्रिका' है. इसका एक स्तंभ है- 'क्यों क्यों '. इसमें बच्चों से हर महीने एक सवाल पूछा जाता है और अगले महीने उसके जवाब प्रकाशित किए जाते हैं.
कांग्रेस का घोषणा पत्र सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मुस्लिम लीग से जोड़ा था. क्या यह बेतुकी तुलना भाजपा की उस ग्रंथि को दर्शाती है जब आज़ादी से पहले जिन्ना की अगुआई वाली इसी लीग के साथ मिलकर उसके ‘विचारधारात्मक पुरखों’ ने गुल खिलाए थे!
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छत्तीसगढ़ की आदिवासी बहुल बस्तर लोकसभा सीट पर तीन मुख्य उम्मीदवार भिन्न विचारधारा से जुड़े हैं. परंपरागत भाजपा-कांग्रेस मुकाबला इस बार सलवा जुड़ुम के एक दिवंगत नेता के बेटे के निर्दलीय उतरने के बाद रोचक हो गया है. यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है.
ख़बरों के अनुसार, राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले लोंगडिंग पुमाओ विधानसभा क्षेत्र में हिंसा हुई. यहां एनपीपी उम्मीदवार थांगवांग वांगखम का भाजपा उम्मीदवार तांगपो वैगनॉ के साथ कड़ा मुकाबला है.
तमिलनाडु एक विशाल मैन्युफैक्चरिंग केंद्र है, जिसने उत्तर भारत के बड़े राज्यों को लगातार पीछे छोड़ दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यहां केवल 2 प्रतिशत गरीब हैं, जबकि गुजरात में यह आंकड़ा12 प्रतिशत, यूपी में 23 प्रतिशत और बिहार में 34 प्रतिशत हैं.
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