भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में वापसी कर रही है. आम आदमी पार्टी की हार के पीछे एंटी-इनकम्बेंसी, वादे पूरे न करना, कांग्रेस से मतभेद और इंडिया गठबंधन की विफलता मुख्य कारण माने जा रहे हैं.
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सरकार के हस्तक्षेप या प्रबंधन के दबाव का आरोप लगाना एक कमज़ोर बहाना है- मीडिया पेशेवरों ने स्वयं ही ख़ुद को अपने आदर्शों से दूर कर लिया है. वे बेआवाज़ को आवाज़ देने या सत्ताधारी वर्ग से जवाबदेही की मांग करने वाले के तौर पर अपनी भूमिका नहीं देखते हैं. अगर वे खुद व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे, तो वे व्यवस्था से सवाल कैसे पूछेंगे?
पंजाब के गुरदापुर ज़िले के बटाला में हुआ हादसा. घायल 27 लोगों में से गंभीर रूप से घायल सात को अमृतसर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
केंद्र सरकार द्वारा गैरक़ानूनी गतिविधियां रोकथाम क़ानून (यूएपीए) 1967 में संशोधन को मंज़ूरी दिए जाने के करीब एक महीने बाद ये निर्णय लिए गए हैं. नया क़ानून केंद्र सरकार को यह शक्ति देता है कि वह किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित की सकती है, अगर वह आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है या उसमें शामिल होता है या उसको बढ़ावा देता है.
मुद्रा योजना पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय की सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इस योजना के तहत जितने अतिरिक्त रोजगार पैदा हुए उसमें आधे से भी ज्यादा स्व-रोजगार थे.
मिर्जापुर के ज़िला मजिस्ट्रेट अनुराग पटेल ने एफआईआर को सही ठहराते हुए कहा कि किसी स्टोरी को करने का यह कोई तरीका नहीं है. अगर वह प्रिंट पत्रकार हैं तो उन्हें तस्वीरें लेनी चाहिए थी, वीडियो क्यों बनाया. इसलिए हमें लगता है कि वह साजिश का हिस्सा हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छह सितंबर को छात्रसंघ चुनाव है. ‘लेफ्ट यूनिटी’ के तहत एसएफआई, डीएसएफ, आइसा और एआईएसएफ, बापसा के साथ फ्रैटर्निटी और एनएसयूआई के साथ एमएसएफ चुनाव मैदान में हैं. एबीवीपी और छात्र-राजद बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ रहे हैं.
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