योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उन्होंने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले 29 जनवरी की सुबह हुई भगदड़ को इसलिए उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे दहशत की स्थिति पैदा हो. इससे पहले उनकी सरकार पर भगदड़ में हताहतों की संख्या दबाने का आरोप लगा है.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में लोगों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ लेने से रोकने के लिए उनके आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आधार कार्ड नहीं होने के बावजूद राज्य संचालित कल्याण कार्यक्रम जारी रखेगी.
त्रिपुरा के धलाई ज़िले में एक रेप सर्वाइवर ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. यह घटना तब हुई, जब वह अपने साथ हुए बलात्कार के संबंध में बयान दर्ज कराने मजिस्ट्रेट के चेंबर में गई हुई थी. मजिस्ट्रेट द्वारा यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
पिछले महीने मेयर पद पर भाजपा के मनोज सोनकर का चुनाव पीठासीन अधिकारी द्वारा वोट में गड़बड़ी के आरोपों के बीच हुआ था. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी थी. इधर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से उसकी कुल संख्या बढ़कर 19 हो गई है, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के सिर्फ़ 17 सदस्य रह गए हैं.
वीडियो: फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया है. इस वीडियो में राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव एमएसपी को लेकर फैलाए गए 10 बड़े झूठ और उनका सच बता रहे हैं.
वीडियो: उत्तराखंड में हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में बीते 8 फरवरी को कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण के बाद भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. द वायर के याक़ूत अली ने इलाके के दौरा कर वहां रह रहे लोगों से बातचीत की और हालात का जायज़ा लिया.
पुण्यतिथि विशेष: नामवर सिंह आधुनिक कविता और नई कहानी के अब तक के सबसे महत्वपूर्ण व्याख्याकार हैं. ऐसे व्याख्याकार, जिसने कविता के नए प्रतिमानों की खोज की तो तात्कालिकता के महत्व को भी रेखांकित किया. उनके व्याख्यानों की लंबी श्रृंखला ऐलान करती है कि उन्होंने हिंदी की वाचिक परंपरा को न केवल समृद्ध किया, बल्कि नई पहचान भी दी.
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