योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उन्होंने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले 29 जनवरी की सुबह हुई भगदड़ को इसलिए उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इससे दहशत की स्थिति पैदा हो. इससे पहले उनकी सरकार पर भगदड़ में हताहतों की संख्या दबाने का आरोप लगा है.
दिल्ली चुनाव 2025
→द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→दुनिया
→सभी ख़बरें
औसतन किसानों को बाजार में अपनी फसल बेचने पर एमएसपी से तकरीबन 40% कम पैसा मिलता है. ऐसे में अगर कोई कह रहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएससी) की लीगल गारंटी नहीं मिलनी चाहिए तो वह मेहनत के साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है. वह ऐसी दुनिया का पक्षधर नहीं, जहां पर सबको अपनी मेहनत का वाजिब हक़ मिले.
यह 1965 से भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष दिए जाने वाले ज्ञानपीठ पुरस्कार का 58वां संस्करण है. यह भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसकी स्थापना 1944 में हुई थी. यह पुरस्कार दूसरी बार संस्कृत के लिए और पांचवीं बार उर्दू के लिए दिया जा रहा है.
जन्मदिवस विशेष: साहित्य में स्त्री की उपस्थिति एक विचारणीय बात है. जिस प्रकार से कला-संस्कृति-समाज सब पुरुषों द्वारा परिभाषित और व्याख्यायित रहे हैं, ऐसे में स्त्री और उसकी भूमिका को भी प्राय: पुरुषों ने परिभाषित किया है. इसीलिए जब स्त्री और उसके इर्द-गिर्द निर्मित संसार को एक स्त्री अभिव्यक्त करती है तो एक अलग दृष्टि-एक अलग पाठ की निर्मिति होती है.
वीडियो: छात्र कार्यकर्ता उमर ख़ालिद ने दिल्ली दंगों से जुड़ी साज़िश के मामले में बीते 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली. सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से वह जेल में हैं. इस विषय पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इस 22 फरवरी को चित्रकार सैयद हैदर रज़ा 102 बरस के हुए होते. विदेश में बसा एक कलाकार अपनी कला में धीरे-धीरे अपने छूट गए देश को कैसे पुनरायत्त करता है, इसका रज़ा एक बेहद प्रेरक उदाहरण हैं. उन्होंने, विसंगति-बेचैनी-तनाव से फ्रांस में जूझते हुए जीवन और कला में शिथिल पड़ गए संतुलन, संगति और शांति को खोजने की कोशिश की.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के एक वर्किंग पेपर में कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की शुरुआत और विस्तार से न्यूनतम वेतन नियमों के अनुपालन की दर में वृद्धि हुई, औपचारिक वेतनभोगी श्रमिकों और आकस्मिक श्रमिकों के बीच ग्रामीण मजदूरी में अंतर कम हो गया और ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक वेतन अंतर में भी गिरावट आई.
संपर्क करें

