श्याम बेनेगल हर बार एक नए विषय के साथ सामने आते थे. 'जुनून' (1979) जैसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली फ़िल्म के तुरंत बाद उन्होंने 'कलयुग' (1981) में महाभारत को आधार बनाकर आधुनिक दुनिया में रिश्तों की पड़ताल की और फिर 'मंडी' (1983) में कोठे के जीवन का प्रामाणिक चित्रण किया.
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कोलकाता के टॉलीगंज इलाके में स्थित लाइटहाउस आॅफ द ब्लाइंड स्कूल के छात्र ज्ञान और विश्वास की रोशनी से भरे हुए हैं.
वैज्ञानिकों ने मंगल पर एक ऐसे ज्वालामुखी की खोज की है जो दो अरब वर्ष से लगातार सक्रिय है.
दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में शामिल होने वाले विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रकाशकों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है.
मैं इस सिस्टम से नाराज हूं. मुझे इस पर गुस्सा है क्योंकि ये सिर्फ दिखावा करता है कि इसे हमारी फिक्र है पर असलियत इसके उलट है.
अरुणाचल प्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री कालिखो पुल की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.
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