31 दिसंबर 2007 को उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित सीआरपीएफ शिविर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने लगातार वाहनों की तलाशी ले रही थी. इसी क्रम में 2 जनवरी 2008 को सपा नेता आज़म ख़ान के काफिले को जांच के दौरान रोके जाने को लेकर वे नाराज़ हो गए थे और उनके समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया था.
आज़म ख़ान ने अपने ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक मामलों को कथित उत्पीड़न के आधार पर उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस द्वारा सैकड़ों एफ़आईआर दर्ज कर उन्हें ‘परेशान’ किया जा रहा है. निचली अदालत उनके द्वारा उठाई गईं आपत्तियों पर विचार किए बिना मामले में आगे बढ़ रही है.
मंत्रियों और उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है. हालांकि जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि अगर कोई मंत्री अपनी आधिकारिक क्षमता में अपमानजनक बयान देता है तो इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है.
आज़ादी के बाद से पहली बार भाजपा ने रामपुर विधानसभा सीट जीती है. आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज करवाने वाले भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा के आसिम राजा को 30 हज़ार से अधिक मतों से हराया है. इससे पहले सपा ने उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए फिर से मतदान कराने की मांग की थी.
देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों में उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है, वहीं खतौली सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार जीते हैं. छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि ओडिशा की पदमपुर सीट पर बीजू जनता दल को सफलता मिली है.
देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के शुरुआती रुझानों में उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर भाजपा पिछड़ गई है. वहीं, बिहार की कुढ़नी सीट पर जदयू, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में कांग्रेस, ओडिशा के पदमपुर में बीजद और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस आगे है.
पिछले दो दिनों में अयोग्य ठहराए गए विधायक आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ यह दूसरा मामला है. बीते एक दिसंबर को एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था.
रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों को झूठा बताते हुए कहा कि भाजपा विपक्षी दल के ख़िलाफ़ इतना कठोर बर्ताव न करे कि जब वह सत्ता में वापस आए तो बदला लेने लगे.
अखिलेश यादव का कहना सही है कि अब भाजपा हर हाल में जीतने के लिए चुनावों में लोकतंत्र को ही हराने पर उतर आती है. लेकिन इसी के साथ बेहतर होगा कि वे समझें कि उनकी व पार्टी की अपील का विस्तार किए बिना वे उसे यह सब करने से कतई नहीं रोक सकते.
सपा नेता आज़म ख़ान के अयोग्य घोषित होने के बाद ख़ाली हुई रामपुर विधानसभा सीट पर निर्वाचन आयोग ने 5 दिसंबर को उपचुनाव होने की जानकारी दी है. बीते 27 अक्टूबर को अदालत ने आज़म ख़ान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी क़रार देते हुए तीन साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी.
यूपी के रामपुर की एक अदालत ने सपा नेता आज़म ख़ान को ‘नफ़रती भाषण’ मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी. इसके ख़िलाफ़ ख़ान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला आज़म ख़ान का 2017 में यूपी विधानसभा के लिए चुनाव रद्द करने का आदेश दिया था क्योंकि उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आज़म ख़ान को विधानसभा में अयोग्य ठहराने के ख़िलाफ़ याचिका पर यूपी सरकार व निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सीट से विधायक आज़म ख़ान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल पर दर्ज मामले में अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए तीन साल की सज़ा सुनाई है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के संबंध में मुक़दमा दर्ज किया गया था.
पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बताया कि वह क़रीब 10 दिन पहले 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि 30-31 साल के रिश्ते को छोड़ना आसान नहीं होता. विभिन्न राज्यों से कांग्रेस नेताओं के इस्तीफ़ा देने का सिलसिला जारी है. इससे पहले हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह और अमरिंदर सिंह जैसे नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं.