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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक किया जा रहा है, क्योंकि सरकार उन्हें विदेशों में असुरक्षित नौकरियां दे रही है और कमीशन भी ले रही है. राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज हरियाणा बेरोज़गारी और महंगाई में टॉप पर है.
तेलंगाना के रचाकोंडा में एक रेस्तरां में आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री ‘राम के नाम’ की स्क्रीनिंग आयोजित की गई थी. पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग आयोजित की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 जनवरी को बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समय-पूर्व रिहाई का ख़ारिज करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार के पास उन्हें समय से पहले रिहा करने की शक्ति नहीं है. रिहाई का आदेश रद्द करते हुए अदालत ने दोषियों को दो हफ़्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा था.
यह विडंबना ही है कि मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाने वाले राम के नाम पर संविधान की मर्यादा का हनन हो रहा है और हिंदू इसमें उल्लास, उत्साह एवं उमंग से भाग ले रहे हैं तथा गर्व का अनुभव भी कर रहे हैं.
भारतीय गणतंत्र इस बात को भी भला कैसे भूलेगा कि इसके लिए प्रधानमंत्री ने ‘धर्माचार्य’ का चोला धारण कर लिया था और उनके ‘सिपहसालार’ उन्हें विष्णु का अवतार और प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख को 1947 के 15 अगस्त जितनी महत्वपूर्ण बता रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन यानी 22 जनवरी को लेकर विभिन्न सरकारी आदेश जारी किए हैं, जिनमें सरकारी छुट्टी से लेकर निर्बाध बिजली आपूर्ति और बाज़ार बंदी जैसे फ़रमान शामिल हैं. इस बीच एम्स दिल्ली ने दोपहर तक ओपीडी सेवाएं बंद रखने का फैसला वापस ले लिया है.
एक समाचार रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 के बीच टाइम सिटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी नामक एक कंपनी ने सरयू नदी के पास 1.13 करोड़ रुपये में ज़मीन का एक टुकड़ा ख़रीदा, जिसे कुछ हफ्तों बाद अडानी समूह को तीन गुना से भी अधिक कीमत पर बेच दिया गया. टाइम सिटी समूह एक पूर्व भाजपा विधायक का है.
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह और उसके बाद आने वाली बाहरी भीड़ से किसी गड़बड़ी की आशंका के चलते एक संगठन ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को लिखे पत्र में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों के साथ-साथ अयोध्या के उन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा की मांग की है, जहां 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के हिस्से के रूप में ये दिशानिर्देश जारी किए, जहां एक मुस्लिम व्यक्ति ने अक्टूबर 2022 में एक हिंदू महिला द्वारा उसके ख़िलाफ़ दायर बलात्कार की शिकायत को रद्द करने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. हालांकि, अदालत ने एफ़आईआर रद्द करने से इनकार कर दिया.