महाकुंभ के दौरान द वायर ने दो पुलिस थानों- दारागंज और कुंभ मेला कोतवाली में दर्ज 315 से अधिक एफआईआर के अध्ययन में पाया कि ज़्यादातर अपराध चोरी और छीना-झपटी से संबंधित हैं. पीड़ितों में आम भक्तों से लेकर साधु, वीआईपी और स्थानीय निवासियों के साथ देश-विदेश से आए पर्यटक शामिल हैं.
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एक पशु अधिकार कार्यकर्ता ने अपने याचिका में कहा है कि उत्तराखंड में श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा कराने में करीब 20 हज़ार घोड़ों एवं खच्चरों का उपयोग किया जा रहा है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के अतिरिक्त दवाब के कारण इन पशुओं की मौत हो रही है. याचिका में कहा गया है कि अब तक 600 घोड़ों एवं खच्चरों की मृत्यु हो चुकी है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने कहा था कि वह 17 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद जाएंगे और क़ुरान पर एक प्रस्तुति देंगे, जिसके बाद प्रशासन ने यह क़दम उठाया है. नोटिस में कहा कि अगर वह नफ़रत फैलाने वाले बयान देना बंद नहीं करेंगे, तो उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.
कानपुर पुलिस ने बुधवार को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार किया. इन तीनों को 2019 में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भी गिरफ़्तार किया गया था. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हक़ीमुद्दीन क़ासमी ने कानपुर का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. कानपुर हिंसा के संबंध में एकतरफ़ा कार्रवाई पर उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की.
लखनऊ पुलिस ने बताया कि लड़के को ऑनलाइन गेम खेलने की लत थी और वह मां द्वारा खेलने से मना करने से वह नाराज़ था. घटना के वक्त लड़के की नौ वर्षीय बहन भी घर पर थी. लड़के ने कथित तौर पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी और शव से निकलने वाली दुर्गंध को छिपाने के लिए तीन दिनों तक रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल किया था.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,31,97,522 हो गई है और इस महामारी के कारण जान गंवाने वालों का आंकड़ा 5,24,723 है. विश्व में संक्रमण के 53.36 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 63.04 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
भाजपा के आठ सालों के शासन ने एक बड़ी जनसंख्या ऐसी पैदा की है जो मानती है कि पार्टी नेताओं के दुर्वचन को लेकर हुई अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी के लिए पार्टी के ‘ओजस्वी वक्ता’ नहीं बल्कि वे लोग ज़िम्मेदार हैं जो उस पर इतनी देर तक चर्चा करते रहे कि बात भारत से बाहर पहुंच गई.
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