अवध के नवाबों की विलासिता के क़िस्से लोगों के दिल व दिमाग में इस कदर जड़ हो गए हैं कि इस बात का यक़ीन दिलाना मुश्किल है कि आसफउद्दौला (1775-1797) से पहले तक ये नवाब न सिर्फ खुद बेहद पराक्रमी थे, बल्कि अपनी फ़ौज की ताकत से भी कोई समझौता नहीं करते थे.
दिल्ली चुनाव 2025
→द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→सभी ख़बरें
एनआईए ने छत्तीसगढ़ के मूल निवासी बचाओ मंच के संस्थापक सदस्यों में से एक रघु मिड़ियामी को बीते 27 फरवरी को प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन से कथित जुड़ाव के लिए गिरफ़्तार किया है. मिड़ियामी सरकार से उसकी दमनकारी नीतियों के लिए सवाल पूछते रहे हैं.
पुस्तक अंश: आज जनतंत्र के आवरण में जो कुछ हो रहा है, वह केवल सत्ता के लिए नहीं है, वह नागरिकों के जीवन के हर पहलू पर राज्य के नियंत्रण के लिए है. राज्य यह तय कर रहा है कि आपको क्या खाना है, क्या पहनना है, क्या पढ़ना-लिखना है, किस देवता की उपासना करनी है, आप किससे प्यार कर सकते हैं, किससे शादी कर सकते हैं. यह तानाशाही से भी आगे की अवस्था है.
चमोली में 28 फरवरी की सुबह हुए हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को निकालने का काम तीसरे दिन भी जारी है. आईटीबीपी, एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें अभी भी 3 मजदूरों की तलाश में जुटी हुई है. इस अभियान में ड्रोन, रडार सिस्टम, स्निफर डॉग और थर्मल इमेज कैमरा की मदद ली जा रही है.
नए हिंदुस्तान में उर्दू की सियासत पुराने हिंदुस्तान से ज़्यादा अलग नहीं है, निशाने पर असल में मुसलमान हैं, और मक़सद ध्रुवीकरण है . वर्ना उर्दू में नाम पैदा करने वाले और लिखने-पढ़ने वाले हर रंग और नस्ल के ग़ैर-मुस्लिम तो भारत से फ्रांस तक और पूरी दुनिया में जाने कहां-कहां आबाद हैं.
अगस्त 2019 को शेहला राशिद ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर भारतीय सेना पर जम्मू कश्मीर में लोगों को उठाने, उनके घर पर छापेमारी करने और लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे. हालांकि सेना ने इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए इन्हें खारिज कर दिया था.
चर्चित फिल्म 'मिसेज़' की पटकथा लेखक अनु सिंह चौधरी साहित्य और पत्रकारिता की दुनिया का जाना-पहचाना नाम रह चुकी हैं. उनकी रचनाओं में महिलाएं प्रमुख भूमिका में रही हैं; वे मानती हैं कि 'अगर आधी आबादी से होते हुए भी हम इस आबादी की कहानियां नहीं कहेंगे, तो कौन कहेगा.' उनसे बातचीत.
संपर्क करें

