अवध के नवाबों की विलासिता के क़िस्से लोगों के दिल व दिमाग में इस कदर जड़ हो गए हैं कि इस बात का यक़ीन दिलाना मुश्किल है कि आसफउद्दौला (1775-1797) से पहले तक ये नवाब न सिर्फ खुद बेहद पराक्रमी थे, बल्कि अपनी फ़ौज की ताकत से भी कोई समझौता नहीं करते थे.
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चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी 35 में से 14 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. 2016 से निगम में दो-तिहाई बहुमत के साथ अगुवा रही भाजपा की स्थिति का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो पूर्व मेयर और निवर्तमान मेयर रविकांत शर्मा को भी हार का सामना करना पड़ा.
द वायर और द क्रॉसकरेंट ने एक रिपोर्ट में बताया था कि असम में ज़रूरतमंदों के लिए चिह्नित ज़मीन किस तरह मुख्यमंत्री के परिवार से जुड़ी कंपनी के पास पहुंची थी. इस मुद्दे का ज़िक्र करते हुए साहित्य अकादमी से सम्मानित लेखक हीरेन गोहेन ने एक लेख लिखा था, जिसे राज्य के तीन अख़बारों ने प्रकाशित करने से मना कर दिया.
आईटीबीपी की शिकायत के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने लद्दाख में पैंगोग त्सो नदी के पश्चिमी तट पर उनकी चौकी के ख़राब निर्माण को लेकर गृह और जल संसाधन मंत्रालय के बीच तनातनी पर संज्ञान लिया है. बताया गया है कि राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से हुआ यह निर्माण कसौटी पर ख़रा नहीं उतरा है.
फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है. मॉब लिंचिग रोधी अधिनियम हिंदू, मुस्लिम या आदिवासी अधिनियम नहीं है, क्योंकि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता. भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने और देश के सामाजिक तानाबाने को नष्ट करने वाला माहौल बनाने के बाद हम यह क़ानून लाने को मजबूर हुए.
बीजापुर ज़िले के धुर नक्सल प्रभावित बेचापाल में 30 नवंबर से ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि उन्हें स्कूल, अस्पताल तो चाहिए लेकिन कैंप और पक्की सड़क नहीं. उनका दावा है कि यदि रोड बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी, लोगों को परेशान किया जाएगा. झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में डाला जाएगा.
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