महाकुंभ का राजनीतिकरण अपनी सीमाएं न लांघ रहा होता, तो न इस मेले को अतिशय महत्वपूर्ण बताने के लिए आने-नहाने वालों की संख्या तर्कातीत स्तर तक बढ़ाकर कई-कई करोड़ बताने की ज़रूरत पड़ती, न ही शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान बताकर अपनी हीनता ग्रंथि को तुष्ट करने की.
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भाजपा फिल्म उद्योग पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है, ऐसी कोशिशें इससे पहले भी कई सरकारों द्वारा की जा चुकी हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ़्तार करते हुए उनके पीएफआई से जुड़े होने की बात कही थी. पत्रकार संगठनों ने कप्पन की अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा है कि मीडिया को उसका काम करने से रोकने का प्रयास हो रहा है.
वर्तमान आर्थिक स्थिति में भारत वैश्विक कंपनियों के लिए एक कम आकर्षक बाज़ार बन रहा है, जिसके संरचनात्मक रूप से ठीक होने में समय लग सकता है. कई वैश्विक ब्रांड भारत में या तो बड़े पैमाने पर निवेश घटाना चाहते हैं या अर्थव्यवस्था को देखते हुए आगे विस्तार के लिए निवेश नहीं कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस गैंगरेप मामले को असाधारण और चौंकाने वाला बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि मामले में गवाहों को किस प्रकार सुरक्षा दी जा रही है, इस बारे में वह हलफनामा दायर कर बताए. साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार तक वकील की पहुंच को लेकर भी राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
जनता के हर विरोध को अपराध ठहराया जा रहा है. वह दिन दूर नहीं है जब सरकार भारतीयों को यह बताएगी कि उनका बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ बोलना, किसानों का सरकार के ख़िलाफ़ खड़े होना, सब कुछ अंतरराष्ट्रीय साज़िश है. भारत में जन्म लेना भी एक षड्यंत्र घोषित किया जा सकता है.
अलवर ज़िले के थानागाज़ी थाना क्षेत्र में 26 अप्रैल 2019 को अपने पति के साथ जा रही एक दलित महिला से पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था. आरोपियों ने पीड़ित से धन उगाही भी की थी. मामले में चुनावी व्यस्तता का हवाला देकर पुलिस पर कई दिनों तक केस न दर्ज करने का आरोप लगा था.