दिल्ली दंगों की पांचवीं बरसी पर कारवां ए मोहब्बत द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए आयोग बनाया गया था लेकिन इसके मानक अज्ञात थे. रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत के इतिहास में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुआवज़े के भुगतान की संभवतः सबसे खराब स्थिति है.