यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ली बैठी आवाज़ें ख़ामोश रहीं. अन्य देशों में भी यह साल युद्ध के दलदल में फंसा रहा. युद्ध पीड़ितों को खाना देने वाले संस्थाओं तक पर इस्रायल ने हमला किया.
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फतेहपुर के पत्रकार अजय भदौरिया ने बीती 13 मई को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि फतेहपुर के विजयपुर में एक कम्युनिटी किचन को बंद कर दिया गया है. इसके बाद झूठी ख़बर फैलाने के आरोप में प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में में बीते दो सप्ताह से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं से अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव हो रहा है, जिसे बंद करने के प्रयास में यहां भीषण आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और आग बुझाने की कोशिश जारी है.
कर्नाटक के मंड्या ज़िले के श्रीरंगापट्टनम स्थित गोकुलदास एक्सपोर्ट्स कंपनी ने अपनी एक इकाई ‘यूरो क्लॉथिंग कंपनी-2’ कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते बंद कर दी है. इसके बाद से कर्मचारी कंपनी के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार ने आईसीएमआर के दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना लक्षण वाले लोगों की कोरोना जांच करने पर रोक लगा दी थी.
भगौड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रभाव में आने के बाद यह देशभर में पहला ऐसा मामला है, जब इसके तहत किसी की संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया गया है. नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में ईडी की याचिका पर विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि दिल्ली में अभी सामुदायिक संक्रमण नहीं हो रहा है.