भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में वापसी कर रही है. आम आदमी पार्टी की हार के पीछे एंटी-इनकम्बेंसी, वादे पूरे न करना, कांग्रेस से मतभेद और इंडिया गठबंधन की विफलता मुख्य कारण माने जा रहे हैं.
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एल्गार परिषद मामले में वर्ष 2020 में गिरफ़्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा 2022 से अपने नवी मुंबई स्थित घर में नज़रबंद थे. पिछले साल 19 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी, लेकिन एनआईए के अनुरोध पर आदेश को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस अवधि को बढ़ा दिया था.
अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार सूबे में हो रहे मतदान और दिल्ली लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन की स्थिति पर कश्मीर के पत्रकार आकाश हसन और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
मुख्यमंत्री केजरीवाल की रिहाई से बड़ा मुद्दा अब बिभव कुमार की गिरफ़्तारी बन गया है. इस प्रकरण में भाजपा की भूमिका का सच सामने आना बाकी है, लेकिन चुनाव से सिर्फ़ हफ़्ता भर पहले उठे इस विवाद ने आम आदमी पार्टी को मुक़ाबले में थोड़ा पीछे जरूर धकेल दिया है.
दुल्हनों की अदला-बदली या स्त्रियों के रेलवे प्लेटफॉर्म पर भटक जाने को लेकर हिंदी सिनेमा ने कई प्रयोग किए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म वह सामाजिक-सांस्कृतिक टिप्पणी करने में सफल नहीं रही जो किरण राव निर्देशित ‘लापता लेडीज़’ कर सकी है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: अगर हम मनुष्य हैं, भारतीय लोकतंत्र के नागरिक हैं और अपने राष्ट्रीय आप्तवाक्य ‘सत्यमेव जयते’ पर विश्वास करते हैं, अगर अब लग रहा है कि संविधान और उसके बुनियादी मूल्यों स्वतंत्रता-समता-न्याय-बंधुता को बचाना है तो हम चुपचाप नहीं रहें.
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