सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को मोदी सरकार की बेनामी राजनीतिक फंडिंग वाली चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था. अब इस फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड को देखते हुए निर्णय में कोई त्रुटि नहीं दिखती.