राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र के साथ अपनी एक रिपोर्ट भी भेजी है, जिसमें दावा किया गया है कि मदरसे बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
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मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: साल 2000-01 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना शुरू की थी. हालांकि आरटीआई के ज़रिये खुलासा हुआ है कि कई राज्यों ने पैसे जारी होने के बाद भी अभी तक स्कूल चालू नहीं किया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में जौनपुर ज़िले के कई किसानों ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत उनके खाते में 2000 रुपये आए थे लेकिन कुछ घंटे बाद या अगले ही दिन वो पैसे वापस कर लिए गए. किसानों ने कहा कि उन्होंने इस बात को लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत की थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
विशेष रिपोर्ट: राजस्थान के कई शहरों और कस्बों में कुछ प्रदर्शन आठ से दस वर्षों से चल रहे हैं. इस बीच भाजपा और कांग्रेस की सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी सरकार ने इन लोगों की शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गांवों में सामाजिक सद्भावना को बढ़ाना, फसल बीमा योजना, मृदा कार्ड आदि के बारे में जानकारी देकर कृषि को बढ़ावा देना था.
क़र्ज़ में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि विमानों के इंजन बदलने के लिए कम से कम 1,500 करोड़ रुपये की ज़रूरत है.
महिला वकीलों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम फिर दोहराते हैं कि तीन जजों की समिति का गठन पूरी तरह से ग़लत है क्योंकि सीजेआई शिकायत की सुनवाई करने वाले तीनों जजों से वरिष्ठ और संस्थान के प्रमुख हैं.