'इंडिया' गठबंधन ने झारखंड की 81 सीटों की विधानसभा में कुल 56 सीटें जीती हैं. यह परिणाम महज़ एक पार्टी की हार और दूसरी की जीत तक सीमित नहीं है. यह जनादेश देश में बढ़ती तानाशाही, हिंदुत्व की राजनीति और जन अधिकारों को कमज़ोर करने वाले कॉरपोरेट नीतियों के विरुद्ध एक संदेश है.
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पार्टियों की हार-जीत से इतर हरियाणा में एक ज़रूरी मुद्दा महिलाओं की राजनीति में भागीदारी का है. इस बार कुल 13 महिलाएं विधायक चुनी गई हैं, जो कुल सीटों की करीब साढ़े 14 प्रतिशत है.
ब्रिटेन में 9 अक्टूबर को होने वाली नीलामी के लिए रखी गई वस्तुओं में 19वीं सदी की सींग वाली 'नगा खोपड़ी’ को सूचीबद्ध करते हुए इसकी क़ीमत 3,500-4,500 पाउंड आंकी गई थी. आपत्ति के बाद उसे सूची से हटा दिया गया. नगालैंड सीएम नेफ्यू रियो ने प्रस्तावित नीलामी को अमानवीय कहा है.
फ़िरोज़पुर झिरका सीट से कांग्रेस नेता मामन ख़ान ने भाजपा प्रत्याशी नसीम अहमद पर सबसे अधिक 98,441 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. ख़ान को पिछले साल नूंह हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
लोकसभा चुनाव 2024 में मिली बढ़त (दस में पांच सीट) से कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई थी. उसके पास किसान आंदोलन, पहलवानों का अपमान और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दे भी थे, मत प्रतिशत भी बढ़ा, लेकिन वह इसे जीत में तब्दील नहीं कर पाई.
चुनावी मैदान में जीत विनेश की लड़ाई का अंत नहीं है. यह दरसअल शुरुआत है. जिन आकांक्षाओं को लेकर उन्हें बतौर खिलाड़ी अपना करिअर शिखर पर छोड़कर राजनीति का रुख़ करना पड़ा, उन सपनों को पूरा करने का रास्ता अब आरंभ होता है.
अविभाजित जम्मू-कश्मीर में दशक भर पहले हुए विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी वर्तमान चुनाव में दहाई का अंक भी नहीं छू पाई है और केवल एक सीट जीती है तथा तीन पर आगे चल रही है.