दिल्ली के बवाना क्षेत्र में प्रस्तावित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का विरोध करते हुए 15 से अधिक गांवों के निवासियों ने दावा किया कि इसके कारण पेड़ काटे जाएंगे, प्रदूषण बढ़ेगा तथा श्वसन संबंधी बीमारियों के साथ-साथ दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा होंगे.