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वीडियो: 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई ऑक्सीजन त्रासदी पर आई डॉ. कफ़ील ख़ान की किताब 'द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजडी: ए डॉक्टर्स मेमॉयर ऑफ ए डेडली मेडिकल क्राइसिस' ने इस घटना को फिर चर्चा में ला दिया है. डॉ. कफ़ील से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
झारखंड में मॉब वायलेंस और मॉब लिंचिंग बिल, 2021 के क़ानून बनने पर भीड़ हिंसा के दोषी पाए जाने वालों के लिए जुर्माने और संपत्तियों की कुर्की के अलावा तीन साल से लेकर उम्रक़ैद तक की सज़ा का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल और राजस्थान के बाद इस तरह के विधेयक को पारित करने वाला तीसरा राज्य बन गया है.
लोकसभा में दिए गए इस आंकड़े में अनुसूचित जाति वर्ग के 24, अनुसूचित जनजाति वर्ग के तीन, अन्य पिछड़ा वर्ग के 41 छात्र तथा अल्पसंख्यक वर्ग के तीन छात्र शामिल हैं.
हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही. इस शख़्स ने आरोप लगाया था कि उन्हें थाने में ज़ंजीर के सहारे रेलिंग से बांध दिया गया था और जब उन्होंने अपनी शिकायत की प्रति मांगी तब उन पर ड्यूटी के दौरान अधिकारी के काम में बाधा डालने का आरोप लगा दिया गया.
पोंडा के मंगेशी मंदिर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा की मुक्ति के साठवें बरस में पुर्तगाली शासनकाल में तोड़े गए मंदिरों को दोबारा बनाए जाने की ज़रूरत है. मैं फिर हिंदू संस्कृति और मंदिर संस्कृति को बचाने का आग्रह करता हूं. हमें इन मंदिरों का पुनर्निर्माण करने की ताक़त दीजिए.
कैग ने कहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लाइसेंस प्राप्त 3,189 पैकेज्ड पेयजल इकाइयों में से 2,475 इकाइयां केंद्रीय भूजल बोर्ड की एनओसी के बिना काम कर रही हैं. भारत में भूजल दोहन 2004 से 2017 के बीच 58 से बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है.
जीओस्पेशियल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट क्रिस बिगर्स ने सैटेलाइट इमेजरी का अध्यनन करके बताया है कि चीन सीमा अपनी सैन्य गतिविधियां तेज़ कर रहा है और संभवत: ऐसा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने के चलते हो रहा है.
एक कार्यक्रम में जनांदोलनों की ज़रूरत रेखांकित करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि आज केंद्र की नीतियों की वजह से वंचित समुदाय हाशिए पर धकेल दिए गए हैं, ग़रीबों के सभी विकल्प उनसे छीन लिए गए हैं, इस वजह से उन्हें सड़कों पर निकलना पड़ रहा है.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ये चैनल और वेबसाइट 'पाकिस्तान से संचालित एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क' से संबंधित हैं तथा 'भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैला रहे हैं.'