कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नैथली ड्रोइन ने संसदीय समिति को बताया कि वाशिंगटन पोस्ट से मामले की पृष्ठभूमि पर बात करना मीडिया रणनीति का हिस्सा था ताकि भारत सरकार की तरफ से फैलाई जा रही ग़लत जानकारी का मुकाबला किया जा सके.
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छत्तीसगढ़ पुलिस ने ग्रामीणों की हत्या पर एफआईआर तब दर्ज की थी, जब उनके परिजनों ने याचिका दायर की, फिर उसने विसंगतियों से भरी जानकारियां दीं, याचिकाकर्ताओं को गवाही दर्ज होने से पहले हिरासत में लिया गया, फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर विश्वास करते हुए न्याय के लिए उस तक पहुंचे लोगों को दंडित करने का फैसला दिया.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले का मामला. आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन इसे दर्ज नहीं किया गया था. अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर द्वारा स्थापित महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद में शिकायत दर्ज हो सकी थी.
नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला से अभद्रता के आरोपी नेता श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी ने कहा है कि उन्होंने अपनी पति को भाजपा के कई कार्यक्रमों और रैली में शामिल होते देखा है. उन्हें इस बात पर आश्चर्य है कि अब पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया गया है.
बिहार में नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेतृत्व वाले राजग के साथ गठबंधन तोड़ने और विपक्षी महागठबंधन में लौटने के बाद ये घटनाक्रम सामने आया है. पवन के. वर्मा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को साल 2020 में जदयू से उस वक़्त निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने विवादास्पद नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) का खुलकर विरोध किया था.
सोशल मीडिया पर सामने आए करनाल ज़िले के एक वीडियो में कुछ राशनकार्ड धारक शिकायत करते दिख रहे थे कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. अब एक बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि कोई अगर राष्ट्रध्वज नहीं खरीदना चाहता है तब भी उसे किसी सेवा से वंचित नहीं किया जाएगा.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि कहा कि एसीबी का गठन लोकायुक्त को कमज़ोर करने के लिए किया गया था. अदालत का यह आदेश उस घटनाक्रम के बाद आया है जब इसी हाईकोर्ट के एक जज एचपी संदेश ने कहा था कि एसीबी से जुड़े एक भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई के लिए उन्हें तबादले की धमकी मिली थी.