भारतीय संविधान ने हर धर्म, जाति और पहचान के लोगों के लिए समान अधिकार वाला देश बनाने का संकल्प लिया था. लेकिन जिस तरह बहुसंख्यक हिंदू और ऊंची जातियां दलितों और मुसलमानों को हमारे पड़ोस, स्कूलों और हमारे जीवन से बाहर निकाल रही हैं, ये समुदाय डाल से टूटकर दूर जा गिरे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने एक कार्यक्रम में कहा कि दुर्भाग्य से आज भारत में कुछ राज्यपाल ऐसी भूमिका निभा रहे हैं, जो उन्हें नहीं निभानी चाहिए. उन्हें जहां सक्रिय होना चाहिए, वहां निष्क्रिय नजर आते हैं. सुप्रीम कोर्ट में उनके विरुद्ध दर्ज मामले उनकी संवैधानिक स्थिति की दुखद कहानी कहते हैं.
घटना सागर ज़िले की है. नौ बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो का स्थानीय अस्पताल में इलाज जारी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुताबिक, दुर्घटना भारी बारिश के चलते हुई.
कांग्रेस की जूनागढ़ इकाई के एससी/एसटी सेल के अध्यक्ष राजेश सोलंकी ने कुछ दिन पहले ही आरोप लगाया था कि उनके बेटे पर गोंडल की भाजपा विधायक गीताबा जडेजा और उनके पति ने हमला करवाया है और अगर सरकार उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करती है तो वह इस्लाम धर्म अपना लेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों अपने एक फैसले में कहा है कि किन्हीं समुदायों के अधिक पिछड़े लोगों को अलग कोटा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों और जनजातियों का उप-वर्गीकरण किया जा सकता है.
पुस्तक समीक्षा: परमजीत सिंह की 'मैं क्यूं जाऊं अपने शहर: 1984 कुछ सवाल, कुछ जवाब' सिख विरोधी दंगों की कुछ अनसुलझी मानवीय और राजनीतिक गुत्थियों को नए सिरे से पेश करती है.
पुस्तक समीक्षा: प्रेम में अधिकार और विश्वास का सवाल हमेशा से उपस्थित रहा है. सोशल मीडिया के दौर में ये भाव किस तरह परिवर्तित हुए हैं, तसनीम खान का उपन्यास इस नए बदलाव की कथा है.