भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व, जो मणिपुर में 21 महीनों से चल रहे जातीय संघर्ष में सीएम के तौर पर एन. बीरेन सिंह की अकर्मण्यता को स्वीकारने को राज़ी नहीं था, वह अचानक बीरेन सिंह के इस्तीफ़े के लिए तैयार कैसे हो गया?
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कोविड महामारी के प्रभाव भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर साफ़ दिखते हैं. जहां एक तरफ बेरोज़गारी बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में विभिन्न कामों में लगे श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़ने को मजबूर हुए हैं.
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार मध्य प्रदेश की नौ सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जहां राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक केंद्रीय मंत्री की क़िस्मत दांव पर लगी है.
भाजपा का इमारतों के निर्माण और चुनाव प्रचार का ख़र्च 74,053 करोड़ रुपये से 107,803 करोड़ रुपये के बीच पहुंच सकता है. यह 2014-15 से 2022-23 के बीच पार्टी की घोषित आय 14,663 करोड़ रुपये से पांच से सात गुना अधिक है.
जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकार कई महिलाओं की वीडियो क्लिप फैलने के बाद उनके घर छोड़ देने की ख़बर सामने आई है. बताया गया है कि हासन ज़िले की इन महिलाओं की पहचान सामने आने के बाद उनका अपने ही क़स्बे-गांवों में रहना मुश्किल हो गया, जिसके चलते उन्हें अपने परिवार के साथ घर तक छोड़ने को मजबूर होना पड़ा.
दरभंगा लोकसभा क्षेत्र और निकटवर्ती लोकसभा सीटों- झंझारपुर, मधुबनी और समस्तीपुर- यानी मिथिलांचल में 55 पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों के मतदाता जिन्हें ‘पचपनिया’ कहा जाता है, की भूमिका निर्णायक मानी जाती है. पिछले चुनाव में एनडीए की जीत में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान बताया जाता है.
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जो सवाल उठा, वह किसी एक कैंपस का मामला नहीं है. तमाम सरकारी विश्वविद्यालयों का भी गलगोटियाकरण हो रहा है. इस प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्रसंघ और गलगोटियातुर छात्रों की भूमिका अहम है.
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