देश के वंचितों के लिए यह वर्ष मिले-जुले असर वाला रहा. वंचितों के सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलनों का सिमटता दायरा चिंताजनक है, लोकतंत्र को समावेशी और मजबूत बनाने के लिए इनका विस्तार बहुत जरूरी है.
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इंडस्ट्री ऑल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष भारत के निर्माण, खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्यस्थल पर कम से कम 240 दुर्घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें 400 से अधिक श्रमिकों की मौत हो गई और 850 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए. सुरक्षा नियमों की अनदेखी और निरीक्षण में ढील इसके प्रमुख कारण बताए गए हैं.
रायगढ़ ज़िले में 22 दिसंबर को चावल चोरी के संदेह में दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में एक आदिवासी व्यक्ति समेत तीन को गिरफ़्तार किया है. कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह मॉब लिंचिंग का मामला है, जबकि पुलिस ने कहा कि यह बीएनएस के तहत अपराध की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है.
देश की 200 से अधिक प्रमुख हस्तियों ने भारत में ईसाइयों के बढ़ते उत्पीड़न पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ ईसाई नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाल ही में हुई मुलाकातों, ख़ासकर क्रिसमस कार्यक्रमों पर सवाल उठाए हैं.
श्याम बेनेगल उस पीढ़ी के सिनेकर्मी थे जिसने आज़ाद भारत के उभरते सपनों के बीच सांस ली. एक समतावादी, लोकतांत्रिक जीवन-पद्धति का सपना, एक धर्मनिरपेक्ष-जातिविहीन मूल्य-संहिता का सपना, नेहरू की कविता और गांधी की करुणा का सपना. उनके निधन के साथ उस युग के एक सपने का भी अंत हो गया.
बांग्लादेश ने भारत को कूटनीतिक संदेश भेजकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की वापसी की मांग की है, ताकि उनके विरुद्ध 'मानवता के ख़िलाफ़ अपराध' और 'नरसंहार' के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा सके.
असम विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने सीजेआई संजीव खन्ना को पत्र लिखकर असम के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया की बीसीसीआई में सचिव पद पर नियुक्ति को ‘संवैधानिक पद का उल्लंघन’ बताया है.