लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→सभी ख़बरें
अयोध्या को भारत की, या कहें हिंदुओं की धार्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का राज्य समर्थित अभियान चल रहा है. लोगों के दिमाग़ में 22 जनवरी, 2024 को 26 जनवरी या 15 अगस्त के मुक़ाबले एक अधिक बड़े और महत्त्वपूर्ण दिन के रूप में आरोपित करने को भरपूर कोशिश हो रही है.
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने अपने दादा एमके करुणानिधि का नाम लेते हुए कहा कि द्रमुक किसी विशेष धर्म या आस्था के ख़िलाफ़ नहीं है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गुरुवार सुबह यह घटना हुई. मृतक की पहचान अग्निवीर योजना के तहत भर्ती लुधियाना जिले के अजय सिंह के रूप में हुई. उनके परिवार में पिता और मां हैं. उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके घर पहुंचने की उम्मीद है.
सहदेव सरकार के बाद अगले वरिष्ठतम फैकल्टी सदस्य प्रोफेसर सैबल चट्टोपाध्याय को आईआईएम कलकत्ता का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है. सहदेव सरकार तीन साल में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ने वाले तीसरे आईआईएम निदेशक हैं. उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे ये मज़दूर बिजली के खंभों को हटा रहे थे, तभी बिजली विभाग द्वारा बंद की गई आपूर्ति बहाल कर दी गई. अधिकारियों ने बताया कि चीफ इंजीनियर ने शटडाउन के बावजूद बिजली आपूर्ति फिर से शुरू होने की जांच करने और ज़िम्मेदार व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
झारखंड के दुमका की रहने वाली प्रियंका जायसवाल 29 दिसंबर, 2023 को ही आईआईटी-कानपुर में केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी के लिए दाख़िला लिया था. संस्थान में बीते 11 जनवरी को एमटेक दूसरे वर्ष के छात्र और 19 दिसंबर 2023 को पोस्ट-डॉक्टोरल शोध कर रहीं एक छात्रा ने भी आत्महत्या कर ली थी.
शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (असर-2023) के अनुसार, सर्वे में शामिल आधे से अधिक बच्चे भाग के सवालों से जूझते हैं. 14-18 साल के केवल 43.3 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे सवालों को सही ढंग से कर पाते हैं. लगभग 85 प्रतिशत बच्चे प्रारंभिक बिंदु ज़ीरो सेंटीमीटर होने पर स्केल से लंबाई माप सकते हैं, लेकिन इसमें बदलाव होने पर अनुपात तेज़ी से गिर जाता है.
हिंदू समाज या कहें संपूर्ण भारत एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां सबको आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है. भले सत्ताधारी इसे अमृतकाल कहें किंतु यह संक्रमण काल है. दुर्बुद्धि और नफ़रत का संक्रमण काल, जहां मर्यादाएं विच्छिन्न हो रहीं हैं.
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख नृत्यगोपाल दास को भेजे पत्र में कहा है कि परिसर में रामलला पहले से ही विराजमान हैं, 'तो यह प्रश्न उठता है कि यदि नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा?'