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कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: जिसे कोई रचना पढ़ते हुए कोई और रचना, अपना कोई अनुभव, कोई भूली-बिसरी याद न आए वह कम पढ़ रहा है. पाठ किसी शून्य में नहीं होता और न ही शून्य में ले जाता है.
कर्पूरी ठाकुर का पूरा जीवन संघर्ष बताता है कि उनकी और भाजपा की राजनीति में ज़मीन-आसमान का अंतर है. मोदी सरकार का कोई भी नेता कर्पूरी ठाकुर की नैतिकता और ईमानदारी को अपनी जीवन में जगह नहीं देता है. मोदी सरकार ने उन्हें भारत रत्न ज़रूर दिया है मगर इसका मक़सद केवल चुनावी हिसाब-किताब है.
चाइल्ड रॉइट एंड यू (क्राई) द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, 2022 में बच्चों के ख़िलाफ़ साइबर अपराध के कुल 1,823 मामले सामने आए हैं, जो इसके पिछले वर्ष 1,376 थे. इन अपराधों में साइबर पोर्नोग्राफ़ी, बच्चों संबंधी अश्लील सामग्री का प्रसार, साइबरस्टॉकिंग आदि शामिल थे.
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि संस्था एएसआई सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर विशेषज्ञों से परामर्श करेगी और फिर अगले कदम पर कोई फैसला लेगी.
दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में मुक़दमा दायर करते हुए इससे युद्धविराम का निर्देश देने की मांग की थी.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी मांगें स्वीकार किए जाने के बाद मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे-पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी. इससे पहले उन्होंने शनिवार सुबह तक उनकी मांगें पूरी न होने पर मुंबई की ओर मार्च करने की धमकी दी थी.
रीवा ज़िले का मामला. गणतंत्र दिवस के दिन एक सरकारी स्कूल में ध्वजारोहण समारोह के बाद बच्चों को पूड़ी-सब्जी और लड्डू परोसे गए थे, जिसे खाने के बाद कइयों की तबियत बिगड़ने लगी. सीएमएचओ ने कहा है कि खाद्य सामग्री का सैंपल लेकर जांच करवाई जाएगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
संघ परिवार के ‘विशेषज्ञों’ के अलावा भक्त मीडिया के कई स्वयंभू विश्लेषक मंदिर मुद्दे पर भाजपा की दिग्विजय पक्की बताते हुए दावा कर रहे हैं कि देश के विभिन्न अंचलों के श्रद्धालुओं को ‘भव्य’ राम मंदिर व ‘दिव्य’ अयोध्या का दर्शन कराकर पार्टी लोकसभा चुनाव तक उन्हें अपना मुरीद बना लेगी. लेकिन यह पूरा सच नहीं है.
वीडियो: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के फैसले और मंडल-कमंडल राजनीति को लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.