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बीते एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से लंबित मामले तत्काल प्रभाव से ख़त्म करने का आदेश दिया था. इस पर कोई क़दम न उठाने जाने पर दिल्ली सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि बच्चों व किशोरों को इंतज़ार नहीं कराया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में हाल में नियुक्त किए गए जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि क़ानूनी पेशे के सदस्यों को न्यायपालिका में देश के नागरिकों का भरोसा बहाल करने की दिशा में काम करना चाहिए. देश में इस समय न्यायाधीशों और जनसंख्या का अनुपात प्रति 10 लाख लोगों के लिए 17 या 18 न्यायाधीश हैं. न्यायाधीशों की कमी की समस्या से निपटा जाना चाहिए और इस अनुपात में सुधार किया जाना चाहिए.
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि महिलाएं जिस स्कूल में हैं उन स्कूलों की प्रिंसिपल सिरदर्द की दवा लेती हैं. स्कूल में कभी देर से, तो कभी जल्दी आने पर झगड़े होते हैं. अगर आप (महिलाएं) इन छोटी-मोटी चीज़ों को ठीक कर लेती हैं तो ख़ुद को पुरुषों से इक्कीस मानिए.
मध्य प्रदेश के आगर मालवा ज़िले के एक निजी स्कूल का मामला. आरोप है कि कुछ मुस्लिम बच्चे ‘भारत माता की जय’ का नारा नहीं लगा रहे थे, जिसका विरोध करने पर विवाद हुआ. इसके बाद विरोध करने वाले एक छात्र और शिक्षक से मारपीट किए जाने का आरोप है.
अखिल भारतीय छात्र संघ की दो महिला छात्र कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जब वे लखीमपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के पास विरोध प्रदर्शन कर रही थीं, तो महिला पुलिसकर्मियों में उन्हें हिरासत में लेने के दौरान उनके कपड़े फाड़े, बर्बर तरीके से पीटा और यहां तक उनके निजी अंगों पर हमला किया.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के रिपोर्ट में कहा है कि 42 क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया गया, उनमें से केवल 14 ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 447.498 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है, जो उनकी कुल आय का 50.97 प्रतिशत है.
नागरिकों की हत्याओं के कई मामलों के बाद कश्मीर के संभागीय आयुक्त ने सभी दस ज़िलों के उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी प्रवासी कर्मचारी को घाटी छोड़ने की ज़रूरत नहीं है और जो भी घाटी छोड़ेगा, उसके ख़िलाफ़ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, विचाराधीन 20,806 नए और पुराने मामलों में से 344 मामले पुलिस हिरासत में मौत के, 3,407 मामले न्यायिक हिरासत में मौत के, 365 मामले पुलिस मुठभेड़ में मौत के हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक उसे 53,191 शिकायतें मिली हैं. सितंबर में 10,627 नई शिकायतें मिलीं.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर बुधवार को 3,40,01,743 हो गई और इस महामारी के कारण 4,51,189 लोग दम तोड़ चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 23.87 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 48.65 लाख से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.