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भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने जुलाई, 2019 में भारत के पक्ष में फैसला देते हुए जाधव की फ़ांसी पर रोक लगा दी थी और सज़ा की समीक्षा के साथ भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी अवसर देने के लिए कहा था.
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की बात कहने वाले कुछ अध्ययनों की ख़बरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर बिना हड़बड़ी के संतुलित रुख़ की ज़रूरत है. बीते महीनों में कोविशील्ड की खुराकों के बीच का समयांतर दो बार बढ़ाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के पंजीकरण के लिए सॉफ्टवेयर विकास में देरी पर कड़ा रुख़ जताया और कहा कि वह इस बात से चिंतित है कि जिन प्रवासी श्रमिकों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, वे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कैसे उठा पाएंगे.
भारत में बीते एक दिन में कोविड-19 के नए मामले लगातार पांचवें दिन एक लाख के आंकड़े से कम हैं. देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 29,359,155 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 367,081 पर पहुंच गई है. दुनियाभर में संक्रमण के मामले 17.52 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 37.85 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
परमबीर सिंह की उनके ख़िलाफ़ चल रही जांच महाराष्ट्र से बाहर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने के अनुरोध वाली याचिका सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ‘आश्चर्य की बात है’ कि राज्य में 30 साल से ज्यादा सेवा देने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अब कह रहे हैं कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है.
राज्य के तीन ज़िलों में अतिक्रमित भूमि से कई परिवारों को हाल में हटाए जाने का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने अल्पसंख्यक समुदाय से परिवार नियोजन अपनाने की अपील की थी. विपक्षी कांग्रेस, एआईयूडीएफ तथा अल्पसंख्यक छात्र निकाय ने इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, तुच्छ व भ्रामक क़रार दिया है.
शिक्षाविदों, यूरोपीय संघ के सांसदों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं और अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने भारतीय जेलों में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की दयनीय स्थिति और उचित मेडिकल देखरेख न होने पर चिंता जताते हुए कहा है कि उन्हें कोरोना वायरस के नए और अधिक घातक स्ट्रेन से संक्रमित होने का गंभीर ख़तरा है.
एकाधिक मूल्य निर्धारण, यानी केंद्र के लिए एक मूल्य और निजी अस्पतालों के लिए अलग मूल्य - किसी भी तर्क के विपरीत है. राष्ट्रीय आपातकाल के समय में ऐसा करना निर्माताओं को अधिक लाभ अर्जित करने की अनुमति देना है और सौदे पर बातचीत करने वाले दोनों पक्षों की ओर से संदिग्ध उद्देश्यों की बू आती है.
बॉम्बे हाईकोर्ट उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें 75 वर्ष से अधिक आयु और विशेष रूप से सक्षम लोगों को घर जाकर टीका लगाने का अनुरोध किया गया है. केंद्र ने कहा है कि ऐसा करना संभव नहीं है. पीठ ने कहा कि जब केरल और जम्मू कश्मीर जैसे राज्य ऐसे अभियान चला रहे हैं तो केंद्र को क्या दिक्कत है.