यूपी के बांदा ज़िले की शहजादी खान दिसंबर 2021 में क़ानूनी वीज़ा पर अबू धाबी गईं थीं. फरवरी 2023 में चार महीने के बच्चे की कथित हत्या के आरोप में उन्हें गिरफ़्तार किया गया. उनके पिता की याचिका की सुनवाई में विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई.
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असम के नागांव ज़िले का मामला. नाटक में दिखाया गया था कि भगवान शिव और पार्वती के किरदार दोपहिया वाहन की सवारी कर रहे हैं, जब पेट्रोल ख़त्म हो जाता है और शिव बढ़ती कीमतों के कारण पेट्रोल का ख़र्च वहन करने में असमर्थ होते हैं. विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा व अन्य की शिकायतों के आधार पर शिव बने सामाजिक कार्यकर्ता बिरिंची बोरा को गिरफ़्तार कर लिया गया था.
वन संरक्षण अधिनियम-2022 के तहत लागू नए नियम बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए वन भूमि को डाइवर्ट करने की प्रक्रिया को सरल और संक्षिप्त बनाएंगे. इन नियमों के तहत जंगल काटने से पहले अनुसूचित जनजातियों और अन्य वनवासी समुदायों से सहमति प्राप्त करने की ज़िम्मेदारी अब राज्य सरकार की होगी, जो कि पहले केंद्र सरकार के लिए अनिवार्य थी.
एक पत्र में एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर ने इस समझौते को लेकर अपने दायित्वों का पालन नहीं किया है और साथ ही वह फ़र्ज़ी या स्पैम खातों की संख्या नहीं बता पाया है, जिसके चलते उन्होंने यह सौदा रद्द कर दिया. दूसरी ओर ट्विटर ने कहा कि वह इस सौदे को बरक़रार रखने के लिए मस्क पर मुक़दमा करेगी.
23 शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर कांग्रेस ने भाजपा के आतंकवादियों के साथ कथित ‘संबंधों’ का खुलासा करने वाली कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि भाजपा नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ कैसे पढ़ाती है. पार्टी ने कहा कि उदयपुर और अमरावती में हुई हत्याओं सहित कई अन्य अपराधों में पकड़े गए व्यक्ति भगवा पार्टी से जुड़े थे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भारत, जर्मनी, चेक रिपब्लिक, नॉर्वे और हंगरी में अपने राजदूतों को हटाने की घोषणा की है, लेकिन इसका कोई कारण नहीं बताया है. उन्होंने अपने राजनयिकों से यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता जुटाने का आग्रह भी किया है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से कहा गया कि हम दोहराते हैं कि वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले ईडी का यह आरोप पूरी तरह असत्य है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ में शामिल था. मानवाधिकार संगठन ने कहा कि दमनकारी क़ानूनों के तहत अपने आलोचकों पर शिकंजा कसना मौजूदा केंद्र सरकार में आम बात हो गई है.
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