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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए 30 दिन पहले नोटिस का अनिवार्य प्रकाशन कराना स्वतंत्रता और निजता के मूल अधिकार का उल्लंघन है. अब से नोटिस का प्रकाशन विवाह के इच्छुक पक्षों के लिए वैकल्पिक होगा.
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा के मद्देनज़र निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया है. ट्रंप अमेरिका के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनके ख़िलाफ़ दो बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है.
जिस तरह देश में सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ रहा है, उससे मुसलमानों के निराश और उससे कहीं ज़्यादा भयग्रस्त होने के अनेकों कारण हैं. समाज एक ‘बाइनरी सिस्टम’ से चलाया जा रहा है. अगर आप बहुसंख्यकवाद से सहमत हैं तो देशभक्त हैं, नहीं तो जिहादी, शहरी नक्सल या देशद्रोही, जिसकी जगह जेल में है या देश से बाहर.
विवादित तीन कृषि क़ानूनों की संवैधानिकता जांचे बिना सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर रोक लगाने के क़दम की आलोचना हो रही है. विशेषज्ञों ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का ये काम नहीं है. इससे पहले ऐसे कई केस- जैसे कि आधार, चुनावी बॉन्ड, सीएए को लेकर मांग की गई थी कि इस पर रोक लगे, लेकिन शीर्ष अदालत ने ऐसा करने से मना कर दिया था.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली शहर में दिल्ली से आप विधायक सोमनाथ भारती पर स्याही फेंकी गई थी. स्याही फेंकने वाले को सम्मानित करने वाले राकेश सिंह कांग्रेस से विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस से विधान परिषद के पूर्व सदस्य रहे उनके भाई दिनेश सिंह ने साल 2019 में जब सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ भाजपा से चुनाव लड़ा, तब से वह भाजपा का समर्थन करने लगे.
सुप्रीम कोर्ट में सरकार की इस स्वीकारोक्ति से पहले पिछले कुछ महीनों में कई भाजपा नेता किसान आंदोलन में खालिस्तानियों के शामिल होने का आरोप लगा चुके हैं. यहां तक कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और कृषि नरेंद्र तोमर ने भी इस संबंध में माओवादी और टुकड़-टुकड़े गैंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है.
आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वृहत आर्थिक माहौल और ख़राब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है. सामान्य स्थिति में यह 13.5 प्रतिशत पर पहुंचेगा, जो 23 साल का उच्चतम स्तर होगा.
आरोपियों को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा की गई शिनाख़्त का बमुश्किल कोई अर्थ है, क्योंकि भले ही वे घटना के वक़्त क्षेत्र में तैनात थे, पर उन्होंने आरोपियों का नाम लेने के लिए अप्रैल तक का इंतज़ार किया, जबकि उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उन्होंने आरोपियों को 25 फरवरी, 2020 को दंगे में कथित रूप से शामिल देखा था.
साल 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण कर लिया गया था. इस मामले 10 आरोपियों में से जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.