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लेडी श्रीराम कॉलेज, मिरांडा हाउस कॉलेज आदि कॉलेजों ने कई क़दम उठाए हैं. इनमें विद्यार्थियों की मानसिक सेहत के लिए उनसे संवाद करना, ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को इंटरनेट डेटा कार्ड से लेकर लैपटॉप मुहैया कराना शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो गया है. पीठ ने स्थिति से निपटने के लिए चारों राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों, मरीजों के प्रबंधन और मौजूदा स्थिति पर दो दिन के भीतर स्टेटस रिपोर्ट जमा करने को कहा है.
केरल सरकार ने पुलिस अधिनियम को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें धारा 118 ए जोड़ने का फैसला किया था. इसके तहत अगर कोई शख़्स सोशल मीडिया के ज़रिये कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करता है तो उसके ख़िलाफ़ 10 हज़ार रुपये का जुर्माना या तीन साल की क़ैद या दोनों का प्रावधान किया गया था.
पुलिस ने दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद को 14 सितंबर और छात्र शरजील इमाम को 25 अगस्त को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था.
बिहार चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम के सवाल उठाने बाद कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वे एक सुधारवादी के रूप में मुद्दे उठा रहे हैं, न कि विद्रोही के रूप में. इसके जवाब में सलमान खुर्शीद ने कहा कि यदि मतदाता उन उदारवादी मूल्यों को अहमियत नहीं दे रहे, जिनका हम संरक्षण कर रहे हैं तो लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में कथित तौर पर बलात्कार के बाद 17 नवंबर को नाबालिग को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसके बाद दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. द वायर के शेखर तिवारी और ज़ोबिया सलाम की रिपोर्ट.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में राज्य में गोवंश की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए एक अलग कैबिनेट स्थापित करने की घोषणा की है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निराश्रित गाय पालने वाले किसानों को सरकार हर माह 900 रुपये प्रति गाय देगी.
भारत में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के 44,059 नए मामले सामने आए हैं और 511 लोगों की मौत हुई है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 5.86 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 13.87 लाख से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और इससे विभिन्न क्षेत्रों में पड़े प्रभावों का आकलन किया है. समिति ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवा की ख़राब स्थिति को लेकर चिंतित है और सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने की सिफ़ारिश करती है.