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स्मृति शेष: प्रख्यात कला-इतिहासकार और भारतीय कला-इतिहास के मर्मज्ञ बीएन गोस्वामी नहीं रहे. यह उन जैसे साधक विद्वान के लिए ही संभव था कि वह कला में मौन के महत्व को रेखांकित कर सके.
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की ‘सेफ सिटी परियोजना’ के तहत एक विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि कोचिंग संस्थानों को शाम को एक निश्चित समय के बाद लड़कियों के लिए कक्षाएं आयोजित नहीं करनी चाहिए, जिससे कि वे समय पर घर पहुंच सकें.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि विधायिका द्वारा प्रस्तावित क़ानून केवल इसलिए समाप्त नहीं हो जाता, क्योंकि राज्यपाल उस पर सहमति देने से इनकार कर देते हैं. अंतिम निर्णय विधायिका का है, न कि राज्यपाल का. एक बार जब सदन लौटाया गया विधेयक दोबारा पारित करता है तो राज्यपाल के पास सहमति देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता.
मणिपुर विधानसभा बुलेटिन के अनुसार, कुकी-ज़ो समुदाय से आने वाले विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे, हाओखोलेट किपगेन और एलएम खौटे को उन समितियों से हटा दिया गया है, जिसकी ये अध्यक्षता कर रहे थे. इन्हें हटाने के कारणों की जानकारी नहीं दी गई है. इस बीच ताज़ा हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के एक और युवक की मौत हो गई है.
फ़िरोज़पुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) गुरबिंदर सिंह के ख़िलाफ़ की गई यह कार्रवाई लगभग दो वर्षों में आम आदमी सरकारी द्वारा इस मामले में की गई पहली कार्रवाई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने अगस्त 2022 में सुरक्षा में चूक के लिए फ़िरोज़पुर के तत्कालीन वरिष्ठ एसपी हरमनदीप सिंह हंस को दोषी ठहराया था.
जम्मू कश्मीर में राजौरी ज़िले में 22 और 23 नवंबर को आतंकियों साथ हुई मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के रहने पैराट्रूपर सचिन लौर शहीद हो गए थे. इससे पहले इसी मुठभेड़ में शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के घर 50 लाख का चेक देने पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की शहीद की मां के मना करने के बाद उनके साथ फोटो खिंचाने की आलोचना हुई थी.
केरल के कोच्चि स्थित कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) में शनिवार शाम को हुआ हादसा. घटना में 64 लोगों के घायल होने की भी सूचना है. विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों द्वारा यह टेक फेस्ट आयोजित किया गया था. महामारी के बाद यह पहला वर्ष था, जब इसे आयोजित किया जा रहा था.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बर और अमानवीय इजरायल गाज़ा में जो कर रहा है और जिस तरह से अनेक देश उसे चुप रहकर ऐसा करने दे रहे हैं, वे मनुष्यता और सभ्यता की विफलता के ताज़ा उदाहरण हैं.
वीडियो: भारतीय जनता पार्टी के ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ के नारे से बिल्कुल उलट बीते मंगलवार (21 नवंबर) को दिल्ली के मथुरा रोड पर निज़ामुद्दीन दरगाह के पास अतिक्रमण विरोधी अभियान के कारण ठंड के दिनों में सैकड़ों लोग बेघर हो गए. उन्हें अपने घर ख़ाली करने के लिए केवल तीन दिन का समय दिया गया था.