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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने याचिका में गुजरात हाईकोर्ट के मार्च के फैसले को चुनौती दी थी कि गुजरात विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की शैक्षणिक डिग्री के बारे में जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के लिए केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि के मुक़दमे को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
कैश फॉर क्वेरी के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफ़ारिश पर एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्ष के सदस्यों ने कहा है कि इसने अपनी जांच ‘अनुचित जल्दबाज़ी’ और ‘संपूर्ण औचित्य की कमी’ के साथ की है. यह सिफ़ारिश ‘पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से की गई है और एक ख़तरनाक मिसाल पैदा करेगी’.
इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को बिना किसी धारणा और पूर्वाग्रह के समझना है, तो ज़रूरी है कि धर्म के चश्मे को उतारकर उसके ऐतिहासिक संदर्भ से समझा जाए.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा सूचना के अधिकार के जवाब में कहा गया है कि भारत में 70.24 करोड़ पैन कार्ड धारक हैं और उनमें से 57.25 करोड़ ने अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक कर लिया है. 12 करोड़ से अधिक पैन कार्डों को आधार से नहीं जोड़ा गया है, जिनमें से 11.5 करोड़ कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं.
क्या प्रधानमंत्री मोदी यह बता सकते हैं कि 'सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, जो 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह' पर है, उसे 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज क्यों बांटना पड़ रहा है?
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम की 679 सीटों में से भाजपा ने 643 और कांग्रेस ने 666 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. इनमें से भाजपा ने केवल 80 और कांग्रेस ने 74 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 28 और कांग्रेस ने 30 महिलाओं को मैदान में उतारा है.
द कन्फेडरेशन ऑफ एक्स-पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. 2004 में राष्ट्रीय पेंशन योजना से इन पूर्व जवानों को जोड़ने को ये ‘भेदभावपूर्ण’ बताते हैं और ओपीएस के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि क़ैदियों और उनसे मिलने आने का आधार प्रमाणीकरण इसलिए किया जाए, ताकि उनकी सुरक्षित हिरासत को मज़बूत किया जा सके और साथ ही उन्हें आधार संबंधित लाभों की वितरण सुनिश्चित किया जा सके. हालांकि यह प्रक्रिया स्वैच्छिक आधार पर होगी.