यूएन की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और वरिष्ठ नेताओं पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद बने राजनीतिक शून्य ने अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा दिया, हालांकि इसके धार्मिक, जातीय और राजनीतिक कारण भी थे.
द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→सभी ख़बरें
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार में जहां भाजपा, सपा-रालोद और कांग्रेस लगातार मैदान में दिखाई दे रहे हैं, वहीं बसपा सुर्ख़ियों से ग़ायब-सी है.
विधानसभा चुनाव राउंड-अप: नामांकन हलफ़नामे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बताया कि उनके ख़िलाफ़ एक भी आपराधिक मुक़दमा लंबित नहीं. मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि यूपी में भाजपा के ‘मोदी-योगी’ फैक्टर ने ‘मुस्लिम-यादव’ फैक्टर की जगह ली. पंजाब में कांग्रेस स्टार प्रचारकों की सूची में असंतुष्ट जी-23 धड़े के मनीष तिवारी का नाम नहीं. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री पद के चेहरे से तय होगा 60 उम्मीदवार विधायक बनते हैं या नहीं. उत्तराखंड
मणिपुर के एक एनजीओ अपुनबा इमागी मचासिंग का कहना है कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी अनुबंध के तहत काम कर रहे हैं जबकि कुछ की भर्तियां डेप्युटेशन के आधार पर की गई हैं. एनजीओ ने यूनिवर्सिटी की दयनीय स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी भेजा है.
द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को लोकसभा में पीठासीन अधिकारी रमा देवी द्वारा उन्हें भाषण पूरा करने के लिए तय समय न देने और उन्हें बीच में रोकने का आरोप लगाया था. अब महुआ का नाम लिए बिना लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि पीठासीन अध्यक्ष पर सदन के बाहर टिप्पणी करना सही नहीं है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के इस बयान पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का यह नया पैंतरा है. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अपशब्द कहे, अपमानित किया, लाठियां बरसाईं, कीलें बिछवाईं, सड़कें खुदवाईं, किसान नहीं झुके तो साजिशें कीं! फिर थक हारकर ‘काले क़ानून’ वापस लिए. चुनाव हारने का डर है, तो अब एक और पैंतरा?
संपर्क करें
![twitterlogo](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2017/01/color-twitter-128-e1435147943709.png)
![fblogo](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2017/01/color-facebook-128-e1435147937316.png)