मौनी अमावस्या के महापर्व पर महाकुंभ में जो हादसा हुआ, उसके लिए मानवीय भूल और भीड़ नियंत्रण की विफलता को तो ज़िम्मेदार माना ही जाएगा. चूंकि सरकार इतनी अधिक भीड़ जुटाने का श्रेय ले रही थी, इसलिए हादसे का अपयश भी स्वीकार करना ही चाहिए.
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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने पिछले पांच सालों में 30,853 संपत्तियों को तोड़ा. इस कार्रवाई में लगभग 103.27 करोड़ रुपये का ख़र्च आया.
'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर'की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2015 से मार्च 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के नेट स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (एनएसडीपी) में 13.28% की वार्षिक वृद्धि हुई थी. 2019 में इसके केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह वृद्धि घटकर 8.73% रह गई है.
वर्ष 2021 से 2023 के बीच मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन मंडल में 43 बाघों की मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उच्च अधिकारियों और वन रेंज अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में रूचि नहीं दिखाई, 17 मामलों में विस्तृत जांच के बिना ही बाघों की मौत को आपसी लड़ाई का नतीजा बता दिया.
पुस्तक अंश: 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रित रोहिण कुमार की पुस्तक ‘लाल चौक’ का एक अंश.
कश्मीर में इस वक्त दो भावनाएं साथ बहती हैं: गहरा आक्रोश व अपमान, और घनघोर निराशा कि यह स्थिति अपरिवर्तनीय है. न पाकिस्तान आज़ादी दिला सकता है, न केंद्र की कोई आगामी सरकार 5 अगस्त से पहले की स्थिति बहाल कर पाएगी.
भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला और कहा कि कश्मीर को 5 अगस्त को आज़ादी मिली थी.